वैसे साहब इसके लिए मौट की सजा कम होगी ।इस जैसे कमीने इंसान के लिए तो उम्र कैद की ही सजा होनी चाहिए । पड़ा रहेगा २० साल तक जेल में अकेले । वही जेल के सलाखों से इश्क़ फरमायेगा हरामी । जेल में ही बुढ़ा हो जायेगा साला हि . हि हि 😁😁😁क्यू साहब सही कहा ना ।
अब आगे ...
.इंस्पेक्टर रणविजय - हम्म ऐसे कमिनों के लिए उम्रकैद की ही सजा होनी चाहिए । जब घुट घुट कर जियेगा तब पता चलेगा इसे की गुनाह करने की सजा क्या होती है । और जीप में बैठ कर चले जाते हैं ।
आप लोग सोच रहें होंगे की बीना बुलाये पुलिस इंस्पेक्टर रणविजय कैसे आ गये । ( दरअसल हुआ यू कि जब माहि और सम्राट दोनों ही अर्जिता को जलकुकड़ी और भी कुछ ब्ला ब्ला कहे जा रहे थे । तभी मौका देख कर अर्जिता ने पुलिस स्टेसन कॉल कर . दि थी / ) उसे पता था कि सम्राट ये सब सुनकर जरूर कुछ करेगा ।
अब आगे ..
सम्राट के जाने के बाद माहिरा अर्जिता को बस देखे जा रही थी । खुद को कोस रही थी । कैसे मैं उस धोखेबाज के प्यार में पड़ कर अपनी दोस्त को भला बुरा कहने लग गई थी । वो भी उसे जिसने मुझे कभी भी अकेला नहीं छोड़ा । कैसे - कैसे - कैसे विश्वास कर लिया मैंने उसका जब की वो मुझे सुरु से धोखा दे रहा था ।
अर्जिता माहि के पास गई और उसे हग कर ली । माहि भी अर्जिता से लिपटकर फूट-फूट कर रोने लगी और रोते हुए कहने लगी । ये क्या हो गया मेरे साथ । मैं अब नहीं जीना चाहती हूं। मैं मर जाना चाहती हूँ ।
अर्जिता माहि को खुद से अलग कर उसे समझाते हुए बोली - ऐसा गलत कदम उठाने की बात कभी भी मत सोचना । तुम ये सोचो की तुम उसे कैसे भी करके कड़ी से कड़ी सजा दिलवाओगी और हाँ तुम्हारे साथ कुछ नहीं हुआ है । तुम लकी हो की तुम समय रहते उसके चंगुल से बच गयी हो ।
अर्जिता की बात सुनकर माहि हाँ मे अपना सर हिलाती है । फिर अर्जिता बोली - चलो अब स्माइल करो और खुद को स्ट्रांग करो । हमें अभी उसके खिलाफ़ और भी सबूत इकट्ठे करने हैं । माही आंसू पोछकर स्माइल करते हुए हमें अपना सर हिला देती है ।
सम्राट - सर क्या मैं एक कॉल कर सकता हूँ ?
पुलिस स्टेशन पहुंचकर इंस्पेक्टर रणविजय सम्राट से बोले - तुम अब यहां पुलिस स्टेशन में हो । अभी जिसे कॉल करनी है कर लो और हां जब बात हो जाए तो अपना वॉलेट फोन वगैरह जो कुछ भी तुम्हारे पास है । वह इसे दे देना समझे । वहां साइड में खड़े एक पुलिस कर्मचारी की ओर इशारा करते हुए कहे और चले गए । जब सम्राट अपना फोन कॉल करने के लिए निकालता है तो देखता है कि उसे माही का एक एस एम एस आया था । उसने S M S ओपन किया तो देखा माहि एक शेर सेंड कि थी ।
अरसो बाद आते हो , फिर फिक्र जताते हो ...
कुछ आदत से लगा , फिर चले जाते हो ...
बस इतना बता दो कि , इन बीते वर्षों में ...
ये हुनर किन - किन पर आजमाएं हो ॥
सम्राट एस एम एस देख कर डिलीट कर देता है और वह अपने बड़े भाई सुल्ताना को कॉल कर पुलिस स्टेशन बुला लेता है । उसकी बात खत्म होते ही वहां खड़ा पुलिसकर्मी उससे उसकी सारी चीजें ले लेता है ।
इतना सुनते ही कि उसका भाई पुलिस स्टेशन में है तो सुल्ताना अपना बुलेट धड़धड़ाते हुए थाने में पहुंच गया । वहां बैठे हवलदार से पूछ कर सम्राट से मिलने चला गया । उसे देखकर सम्राट फूट फूट कर रो पड़ा और कहने लगा । कैसे भी कर के मुझे यहां से निकालो कैसे भी । सुल्ताना से अपने भाई की ऐसी हालत देखी नहीं गई । आखिर सम्राट ही उसका एकलौता परिवार था ।सम्राट में उसकी जान बसती थी । सुल्ताना उसे दिलासा देते हुए कहा - तू चिंता मत कर छोटे मैं तुम्हें यहां से निकाल कर ही रहूंगा । इसके लिए मुझे कुछ भी क्यों ना करना पड़े । यह कह कर सुल्ताना वहां से हालदार के पास गया । हवलदार के कहे बगैर ही वहां सामने रखे कुर्सी पर टांग पर टांग चढ़ा कर बैठ गया । और रोबिले आवाज में कहा - मेरे भाई को छोड़ दो ।
हवलदार एक्टींग करके कहा - जी जी जी साहब छोड़ देता हूँ आपके भाई को । फिर हसने लगा
सुल्ताना हवलदार को खा जाने वाली नजरो से देख रहा था ।
ये देखकर हवलदार - हो ..मै तो डर गया । मैं अभी छोड़ देता हूँ आपके भाई को ।
हवलदार टोंट करते हुए कहा - क्यों तुम कहीं के डॉन हो क्या ? जो तुम कहोगे मैं वही करूंगा । तुम्हें क्या लगता है तुम कहोगे और मैं छोड़ दूंगा ।😂😂😂😂 और हां अगर तुम्हें छुडवाना ही है अपने भाई को तो तुम मुझसे नहीं इंस्पेक्टर रणविजय सर से बात करो । वही इस केस को देख रहे है । वही कुछ कर सकते हैं क्योंकि उन्होंने ही इसे आया है ।
सुल्ताना वैसे ही रोबिले आवाज में बोला - कहां मिलेगा तुम्हारा इंस्पेक्टर रणविजय ।
हवलदार जरा तमीज से बात करो समझे ।नहीं तो ...
सुल्ताना खड़ा होकर अपने पैर से कुर्सी को मार कर नीचे गिरा दिया और गुस्से से टेबल पर अपना हाथ मारते हुए बोला - नहीं तो क्या ? क्या कर लोगे तुम ?
कुर्सी की गिरने और उसकी चिल्लाने आवाज सुनकर थाने के सारे कर्मचारी वहाँ जमा हो गये ।
यह आवाज सुनकर इंस्पेक्टर रणविजय भी वहा आए और बोले - तुम्हारे भाई की तरह तुम्हें भी सजा दिलवायेंगे ।
सुल्ताना - मुझे ?
इंस्पेक्टर रणविजय - हाँ ! क्योंकि तुम भी उसके जैसे ही हो । पर पता नही अभी तक तुम्हारे खिलाफ किसी ने कोई कंप्लेंट दर्ज नहीं करवाई है । पर अब से तुम मेरे रडार में हो । मेरी नजर अब तुम पर भी होगी । अच्छा होगा कि तुम अभी के लिए यहां से चले जाओ वरना धक्के मार के निकालूंगा तुम्हें । सुल्ताना चला तो गया । पर जाते-जाते उसने यह धमकी भी देते गया ।
किसी को नहीं छोडूंगा तुम्हें बर्बाद कर दूंगा तुम सबको ।
क्रमशः .....