23 मई 2015
जी विजय कुमार शर्मा जी ,बिन औरत जग सुना होता है क्यूंकि कहीं माँ कही पत्नी कहीं बहन कहीं बेटी बनकर उसने परिवार को संभाला ही है हार्दिक आभार धन्यवाद .....
24 मई 2015
बहुत बहुत धन्यवाद अनामिका जी
24 मई 2015
बहुत बहुत धन्यवाद डॉ. शिखा कौशिक जी
24 मई 2015
हार्दिक आभार डॉ.सचिन शर्मा जी
24 मई 2015
बहुत बहुत धन्यवाद रमेश कुमार सिंह जी
24 मई 2015
बिल्कुल ठीक पुष्पा जी घर में अगर कोई महिला न हों तो उस घर का पड़ौसियों से भी कोई बहुत अच्छा संबंध नहीं होता। इसलिए सभी से अपेक्षा है कि महिलाओं को उचित सम्मान दें और खुश रहें
24 मई 2015
sahi kaha hai aapne .aabhar
24 मई 2015
उत्कृष्ट रचना.
24 मई 2015
बलकुल सही कहा आपने।
23 मई 2015