shabd-logo

टूटता दिल कुछ कहता है

2 सितम्बर 2022

11 बार देखा गया 11
इन टूटे दिल के शीशों में 
अपने ही पराए लगते हैं।
 उन दीवानों की टोली में
 हम अनजाने से लगते हैं।। 

अब तेरी ही बस यादों में 
हम गुनगुनाने लगते हैं। 
अब अपने ही परिवारों में 
हम मेहमानों से लगते हैं।। 

हमसे दूर रहकर भी 
वह ख़ज़ाने से लगते हैं। 
पास जाने की कोशिश में
 हम परवाने से लगते हैं।। 

हर जख्म बिना घावों के 
पर हर दर्द दिखाई देता है। 
हर दिल बिना दिलबर के 
कौन‌! दीवाना दिखाई देता है।। ...

JAIDEV TOKSIA की अन्य किताबें

3
रचनाएँ
नीलकंठ ( काव्य संग्रह)
0.0
आप सभी साहित्य प्रेमियों को सादर प्रणाम, मेरा नाम जयदेव टोकसिया है ओर मैं हरियाणा राज्य के सिरसा जिला के एक छोटे से गांव Gindran से संबंध रखता हूं मुझे कविताएं लिखना अच्छा लगता है , मेरी कुछ कविताएं पत्र - पत्रिकाओं में छपती रहती है इस पुस्तक में मैं अपनी समस्त काव्य रचनाओं को एक साथ पिरौने कि पूरी कोशिश करूंगा। आप सभी से अपने लिए प्यार बनाए रखने कि प्राथना करूंगा। जय हिंद जय भारत
1

मैं कहां से केशव लाऊं

29 अगस्त 2022
2
2
4

मर्यादा की बीच डगर में शकुनि बैठा है अचरज में किसका पासा किसे जिताऊँ। मैं कहाँ से केशव लाऊँ। निरन्तर होती द्यूतक्रीड़ा में दुर्योधन से कपटी मन में किसे दुशासन, कर्ण बताऊँ। मैं कहाँ से केशव लाऊँ।

2

टूटता दिल कुछ कहता है

2 सितम्बर 2022
0
0
0

इन टूटे दिल के शीशों में अपने ही पराए लगते हैं। उन दीवानों की टोली में हम अनजाने से लगते हैं।। अब तेरी ही बस यादों में हम गुनगुनाने लगते हैं। अब अपने ही परिवारों में&nbsp

3

कवि कौन है?

2 सितम्बर 2022
1
1
2

हर बात को जाना हो जिसने हर कलम चलानी आती हो। हर जगह शब्दों के व्यहू में हर बात मनानी आती हो।। हर जगह देहाती जीवन की हर नजर उठानी आती हो। हर हार के हार

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए