शीबिया , टोक्यो के तेईस वार्डो में से एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण वार्ड है. जिसे मनोरंजन का स्थान भी माना जाता है. व्यवसायिक संस्थान भी है. सरकारी और गैरसरकारी संस्थान भी है लेकिन फिर भी इसे मनोरंजन के लिए माना जाता है . दिनभर खूब चहल-पहल रहती है , पूरी रात खाने पीने के स्थान खुले रहते है. स्टेशन से बाहर निकलते ही देखोगे जनता का एक सड़क पर कितनी भीड़ है चारो तरफ लोग ही लोग है लेकिन किसी का किसी पर कोई ध्यान नहीं सब अपनी ही मस्ती में चले जा रहे है , रेड लाइट के बीच में खड़े हो कर फोटो खींच रहे है, सेल्फी लेरहे है यहाँ तक की वीडियो भी बना रहे है जिसमे सबसे ज्यादा विदेशी होते है. शीबिया युवाओ का आकर्षण स्थान है , सबसे बड़ी संख्या में युवा लड़के-लडकिया दिखेगे. ऐसा क्या है शीबिया में जो इतने युवाओ को और विदेशियो को आकर्षित करता है. बहुत सारी दुकाने है जो नए डिजाइन के , प्रसिद्ध ब्रांड का सामान बेचती है यही से नए फैशन की शुरूवात होती है . तरह तरह के युवाओ के पसंद के परफॉर्मर्स के शो होते रहते है. पास में ही एनएचके टीवी स्टेशन है उनका ग्राउंड है . जहाँ अमेच्योर परफॉर्मर्स ग्राउंड में फ्री परफॉर्मन्स करते मिलेंगे. ग्राउंड के आस पास युवा लोग अपने बनाए तरह तरह के सामान बेचते हुए भी दिखेंगे . कोई पेंटिंग बेच रहा तो कोई आर्टिफिसियल ज्वेलरी . और भी बहुत तरह का सामान बेचते लोग मिल जायेगे , रेड़ियो पर खाने-पीने का सामान बेचने वालो की भी कोई कमी नहीं है. एनएचके ग्राउंड के पीछे बहुत बड़ा पार्क है जहां घूमने फिरने वालो के अलावा लोग वहा म्युज़िकल इंस्ट्रूमेंट की प्रैक्टिस करते मिल जायेगे , अफ्रीकन ड्रम की प्रैक्टिस, सैक्सोफोन या दूसरे तरह तरह के इंस्ट्रूमेंट की . अकेले भी जाने पर कोई बोर नहीं हो सकता और यदि कुछ दोस्तों के साथ जाओ तो मज़ा ही कुछ और है, पार्क में बैठ कर बियर पीते हुए इन सब का आनंद उठा सकते है. जापान में शराब पीने पर कोई पाबन्दी नहीं है इसलिए पार्क या कही भी पब्लिक स्थान पर पी सकते है . नशे में धुत लोगो को भी पुलिस तंग नहीं करती बल्कि उसकी मदद करती है.
शीबिया एक बड़ा रेलवे जंक्शन है जहाँ काफी सारी ट्रेने आती है , इसलये भी यहाँ ट्रेने बदलने वालो की भी बहुत भीड़ होती है . एनएचके ग्राउंड में तरह तरह के मेले लगते रहते है जैसे नमस्ते इण्डिया, नेपाल फेस्टिवल, थाईलैंड फेस्टिवल, करीब करीब सभी एशियन देशो के फेस्टिवल होते है . इनके अलावा जापान के दूसरे शहर ो के सामानों का प्रदर्शन और सेल भी होती रहती है . सड़को पर बड़ी बड़ी गाड़ियों पर कलाकारों के बड़े बड़े बैनर लगाकर प्रचार होता रहता है. पूरा दिन और पूरी रात एक मेले का माहौल बना रहता है जो युवाओ को आकर्षित करता है .
शीबिया के साथ एक बहुत मज़ेदार किस्सा भी जुड़ा हुआ है , स्टेशन के बाहर एक चौक है जिसे हाच्छिको चौक कहा जाता है वहाँ एक कुत्ते की मूर्ति लगी है , स्टेशन की बाहर की दिवार पर भी उस कुत्ते की पेंटिग है खुदाई है . कई जगह उस कुत्ते के चित्र लगे या मूर्तियाँ लगी मिलेगी. इस कुत्ते के साथ एक सच्ची कहानी जुडी हुई है. बात 1924 की है उएनो नाम के एक प्रोफेसर थे उनका पालतू कुत्ता था रोज कुत्ता प्रोफेसर साहब के साथ शीबिया स्टेशन छोड़ने जाता और शाम को स्टेशन उनको लेने के लिए जाता था , लेकिन एक दिन अचानक प्रोफेसर साहब को यूनिवर्सिटी में ही ब्रेन हैमरेज होगया और उनकी मृत्यु होगई और वो वापिस नहीं आये लेकिन वो कुत्ता रोज स्टेशन जाकर उनका इन्तजार करता रहा और इस तरह 9 साल बाद मर गया .उसकी समाधि बना दी गई और उसके फर को भरकर टोक्यो नेशनल म्यूज़ियम में रख दिया . शीबिया में जाकर लोग उसकी मूर्ति के साथ भी फोटो खीचते है. बहुत सुन्दर बहुत भीड़ भाड़ वाला और पर्यटको को आकर्षित करने वाला स्थान है .