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Vinay Dubey के बारे में

हम तो क़ायल हैं लगातार तुम्हें देखने के, इश्क़ होता है तो हो जाये हमें उससे क्या।

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Vinay Dubey की पुस्तकें

मेरी अधूरी ख्वाहिश..

मेरी अधूरी ख्वाहिश..

अधूरे सपने, अधूरा ख्वाब और ना मुक्कमल हुई जिंदगी को एहसासों के जरिये कोरे काग़ज़ों पर उतारने की अधूरी कोशिश की है..... टूटे सपनों में कितनी खनक होती है आप मेरी इस किताब को पढ़ के शायद महसूस कर पायेंगे...

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मेरी अधूरी ख्वाहिश..

मेरी अधूरी ख्वाहिश..

अधूरे सपने, अधूरा ख्वाब और ना मुक्कमल हुई जिंदगी को एहसासों के जरिये कोरे काग़ज़ों पर उतारने की अधूरी कोशिश की है..... टूटे सपनों में कितनी खनक होती है आप मेरी इस किताब को पढ़ के शायद महसूस कर पायेंगे...

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एक अधूरी ख्वाहिश

एक अधूरी ख्वाहिश

अधूरे सपने अधूरा ख्वाब और ना मुक्कमल हुई जिंदगी के एहसासों को कोरे काग़ज़ों पर उतारने की अधूरी कोशिश की है... टूटे सपनों में कितनी खनक होती है ये शायद आप मेरी किताब को पढ़ के समझ पायें..!!

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एक अधूरी ख्वाहिश

एक अधूरी ख्वाहिश

अधूरे सपने अधूरा ख्वाब और ना मुक्कमल हुई जिंदगी के एहसासों को कोरे काग़ज़ों पर उतारने की अधूरी कोशिश की है... टूटे सपनों में कितनी खनक होती है ये शायद आप मेरी किताब को पढ़ के समझ पायें..!!

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Vinay Dubey के लेख

अधूरी ख्वाहिश

27 फरवरी 2022
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‍‍‍‍‍‍‍बेनाम सा सफर ये क्यूँ रूक नहीं जाताजो ठहरा है वो बीत क्यूँ नहीं जाताकब से दफन है इक तूफान भीतरये आंसुओं का समन्दर क्यूँ सूख नहीं जाता..आईना बदलता रहा सूरत हर घड़ीइक तेरा चेहरा है जो मेरी आँखों

अधूरी ख्वाहिश

27 फरवरी 2022
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‍‍हर आईना यहां रोता हैकहाँ हर दरिया का साहिल होता है💔इक मुद्दत से मसला रहा फकीरी का भी मजहब होता है 💔दुआएँ भी समझती है ज़ज्बात दिलों के कहाँ हर कोई इश्क के काबिल होता है💔कुछ फरेब ने

अधूरी ख्वाहिश

27 फरवरी 2022
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‍‍मै एक दिन सहरा ना बन जाऊं‍‍जिस तरह अब बढ़ रही है प्यास मेरी मै कोई दरिया ना पी जाऊंइक मुद्दत से ढक रखा है आईनाअब देखूं जो मैं कहीं डर ना जाऊंसंभालना होश मुश्किल है साहिल परआती जाती लहरों से लड

मै कोई दरिया ना पी जाऊं..

24 फरवरी 2022
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‍‍मै एक दिन सहरा ना बन जाऊं‍‍जिस तरह अब बढ़ रही है प्यास मेरी मै कोई दरिया ना पी जाऊंइक मुद्दत से ढक रखा है आईनाअब देखूं जो मैं कहीं डर ना जाऊंसंभालना होश मुश्किल है साहिल परआती जाती लहरों से लड

अधूरी ख्वाहिश

20 फरवरी 2022
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मै वो धुआं हूंजो हवा देख घबराता हूं.. 💔अपने हालात देखखुद से नजरे चुराता हूं.. 💔इक उम्र गुजारी है पिंजरे मे मै वो परिंदा हूं जो आसमा देख मुस्कराता हूं 💔यहाँ मुक्कमल होना सब शर्त पर तय है औ

मेरी अधूरी ख्वाहिश - 16

19 फरवरी 2022
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मुझे तुम्हारे सिवा कहाँ कुछ आता हैबिना तुम्हारे कहाँ ये फलक भाता हैइक मुद्दत से तेरे चेहरे को पढ़ता हूंइक ग़ज़ल के सिवा कहाँ कुछ आता हैतेरा यकीन तैरता है मेरे ज़ज्बात मेंमेरी दरिया का हर सफर समन्दर जा

अधूरी ख्वाहिश - 12

19 फरवरी 2022
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‍ये कैसा सितम है किसी चेहरे से आईना बेख़बर है इक उम्र दहलीज पर रुकी है इक जहर है जिसमें असर कम है अक्सर छू लेते हैं दिल को उसके खामोश चेहरे उसकी नीयत मे फरेब हर तरफ है&n

अधूरी ख्वाहिश - 15

19 फरवरी 2022
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‍ये कैसा सितम है किसी चेहरे से आईना बेख़बर है इक उम्र दहलीज पर रुकी है इक जहर है जिसमें असर कम है अक्सर छू लेते हैं दिल को उसके खामोश चेहरे उसकी नीयत मे फरेब हर तरफ है&n

अधूरी ख्वाहिश - 13

4 फरवरी 2022
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मै तेरे जाने के बाद किससे मोहब्बत करतातू शख्स था आखिरी जिसे मैं रब कहतामेरी उदासी भी तुम्हें देख रंगीन हो जाती थीअब मैं इन अंधेरों की खामोशी से क्या कहताहर सवाल तुझ पर आके खत्म हो जाते थेअब आँखों से इ

अधूरी ख्वाहिश - 11

4 फरवरी 2022
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डूबा के सारी किश्तीजरूरत थी इक चेहरा नया छिपाने कीबंद नकाब के चेहरों सेइक पल मे रूबरू हो जाने कीसहम सी जाए रूह उसकीजब मैं मांगू दुआ खुद सेबस आखिरी मिन्नत हैफिर से उस तक जाने कीवो बेवफ़ा हो के बिछड़े ह

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