shabd-logo

अधूरी ख्वाहिश

27 फरवरी 2022

28 बार देखा गया 28
‍‍हर आईना  यहां रोता है
कहाँ हर दरिया का साहिल होता है💔

इक मुद्दत से मसला रहा 
फकीरी का भी मजहब होता है 💔

दुआएँ भी समझती है ज़ज्बात दिलों के 
कहाँ हर कोई इश्क के काबिल होता है💔

कुछ फरेब ने घेर रखी है इक दीवार फ़िज़ाओं मे 
कुछ आँखों की किस्मत मे बस रोना होता है 💔

बड़ी शिद्दत से हर ख्वाईश टूटती है
हर हँसी मे इक ग़म का फसाना होता है💔

पहले आ के चुराते है ख्वाबों की दुनिया
फिर इक दौर तोहमतों का शुरू होता है💔

डूबती है किश्ती तूफान के इशारे पर 
शक हमेशा पतवार पर होता है💔

आज कल रिवायत हो गयी मोहब्बत
यहाँ इश्क का कारोबार सरेआम होता है.💔💔

27 फरवरी 2022

3
रचनाएँ
एक अधूरी ख्वाहिश
0.0
अधूरे सपने अधूरा ख्वाब और ना मुक्कमल हुई जिंदगी के एहसासों को कोरे काग़ज़ों पर उतारने की अधूरी कोशिश की है... टूटे सपनों में कितनी खनक होती है ये शायद आप मेरी किताब को पढ़ के समझ पायें..!!
1

अधूरी ख्वाहिश

27 फरवरी 2022
2
1
0

‍‍मै एक दिन सहरा ना बन जाऊं‍‍जिस तरह अब बढ़ रही है प्यास मेरी मै कोई दरिया ना पी जाऊंइक मुद्दत से ढक रखा है आईनाअब देखूं जो मैं कहीं डर ना जाऊंसंभालना होश मुश्किल है साहिल परआती जाती लहरों से लड

2

अधूरी ख्वाहिश

27 फरवरी 2022
1
1
1

‍‍हर आईना यहां रोता हैकहाँ हर दरिया का साहिल होता है💔इक मुद्दत से मसला रहा फकीरी का भी मजहब होता है 💔दुआएँ भी समझती है ज़ज्बात दिलों के कहाँ हर कोई इश्क के काबिल होता है💔कुछ फरेब ने

3

अधूरी ख्वाहिश

27 फरवरी 2022
2
1
2

‍‍‍‍‍‍‍बेनाम सा सफर ये क्यूँ रूक नहीं जाताजो ठहरा है वो बीत क्यूँ नहीं जाताकब से दफन है इक तूफान भीतरये आंसुओं का समन्दर क्यूँ सूख नहीं जाता..आईना बदलता रहा सूरत हर घड़ीइक तेरा चेहरा है जो मेरी आँखों

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए