हर आईना यहां रोता है
कहाँ हर दरिया का साहिल होता है💔
इक मुद्दत से मसला रहा
फकीरी का भी मजहब होता है 💔
दुआएँ भी समझती है ज़ज्बात दिलों के
कहाँ हर कोई इश्क के काबिल होता है💔
कुछ फरेब ने घेर रखी है इक दीवार फ़िज़ाओं मे
कुछ आँखों की किस्मत मे बस रोना होता है 💔
बड़ी शिद्दत से हर ख्वाईश टूटती है
हर हँसी मे इक ग़म का फसाना होता है💔
पहले आ के चुराते है ख्वाबों की दुनिया
फिर इक दौर तोहमतों का शुरू होता है💔
डूबती है किश्ती तूफान के इशारे पर
शक हमेशा पतवार पर होता है💔
आज कल रिवायत हो गयी मोहब्बत
यहाँ इश्क का कारोबार सरेआम होता है.💔💔