यह एक ऐसे लड़के कि कहानी है।जिसको प्यार भी एक ऐसी लड़की से होता है।जो एक किन्नर होती है। अब इन दोनों कि आगे कि कहानी हम पढ़ेंगे।रानी और अमित दोनों स्कूल में एक साथ पढ़ा करते थे।रानी दिखने में बहुत सुंदर थी। एकदम गौरी कद में इतनी लम्बी, उसके बाल इतने ज़्यादा लम्बे थे,कि कोई भी उसकी तारीफ किए बिना नही रह पाता।सबको एक बार में ही रानी अपने रूप और रंग से आकर्षित कर देती।रानी अपनी क्लास में सभी लड़कियो से कम बोलने वाली और शांत रहने वाली लड़की थी। सिर्फ अपने आप से और अपनी पढ़ाई से मतलब रखा करती थी।
अमित को रानी का यह अंदाज बहुत पसंद आया वह मन ही मन रानी को पसंद करने लगा।रानी उसे बहुत अच्छी लगती वह दिनभर रानी के ही ख्यालों में ग़ुम रहता। न ठीक से अपनी पढ़ाई करता न ठीक से खाना खाता बस दिनभर रानी के बारे में ही सोचता रहता।बहुत बार कोशिश करता रानी से बात करने कि पर नही कर पाता।जब भी रानी उसके सामने आती तो वह रानी से नजरें मिलाने कि कोशिश करता पर, रानी नीचे मुँह करके वहा से चली जाती।एक दिन जब वह अपने घर से स्कूल के लिए निकलता है, तो रानी भी उसे रास्ते में मिल जाती है।रानी को आता देख वह खुशी से झुम उठता है।और धीरे -धीरे रानी के पास जाता है।फिर उस से बात करने कि कोशिश करता है।हेलो रानी कैसी हो तुम?तो रानी धीरे से स्वर में, कहती है।कि मैं ठीक हूं ।तुम बताओ कैसे हो।उसकी आवाज़ सुनकर अमित के मुँह से यह निकलता है।वाओ कितनी प्यारी आवाज़ है इसकी।और बताओ रानी तुम्हारे घर में सब कैसे है?मेरे घर में सब ठीक है।अच्छा यह बताओ कि तुम इतना कम क्यों बोलती हो?यह सुनकररानी उसकी तरफ देखती है।तो वह डर सा जाता है। क्या पूछ लिया मैंने इससे।मेरा मतलब यह है, कि तुम कम बोलती हुई मुझे बहुत अच्छी लगती हो। यह बोलकर अमित वहां से चला गया।और अपने आप से कहने लगा कि में भी कितना पागल हूं।क्या फालतू के सवाल पूछ रहा था उससे।फिर अपने आप में कहता कि आज तो रानी से इतनी बात कर ली। अगर रोज मुझसे रानी ऐसे ही मिलती रही तो हम दोनों कि रोज कितनी बातें हुआ करेगी।
देखते-ही देखते रानी उसके दिल के बेहद करीब आ चुकी थी।फिर रोज रानी से उसकी बात हुआ करती। दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए।एक दिन अमित ने रानी से बातों ही बातों में पूछ लिया कि बताओं रानी कि मैं तुम्हें कैसा लगता हूँ?यह सुनकर रानी अमित से कहती है, कि तुम मुझे अच्छे लगते हो।
पर, पर क्या रानी मुझे सिर्फ अपना दोस्त ही समझना इसके आगे इस दोस्ती को कोई और नाम मत देना। पर क्यों रानी? क्योंकि मैं..... इस रिश्ते को कोई और नाम नही देना चाहती। यह सुनकर रानी वहां से चली जाती है।
पर अमित को रानी कि यह बात सुनकर बिल्कुल भी अच्छा नही लगता। वह भी चुपचाप अपने घर चला जाता है। दोंनो में इसी तरह दोस्ती का सिलसिला चलता रहता है। पर अमित फिर भी इसी सोच में, डूबा रहता है, कि रानी ने उसको ऐसा क्यों कहां? इतने में रानी को आता देख अमित फिर सारी बातें भूलकर रानी के पास चला जाता है। और उससे पूछता है, कि रानी तुमने उस दिन ऐसा क्यों कहां कि इस रिश्ते को दोस्ती के आगे मत ले जाना। अमित कि यह बात सुनकर रानी कहती है, कि क्योंकि मेरा रिश्ता और कहीं तय हो चुका है, इसलिए मैं चाहती हूं कि तुम अपनी इस दोस्ती कि हद में ही रहो। मुझसे उतना ही मिलो और बात करो जितना तुम्हारे लिए भी अच्छा हो और मेरे लिए भी। यह कहकर रानी फिर अमित से एक दुरी सी बना कर चली जाती है। बेचारा अमित यह सुनकर बहुत उदास सा हो
जाता है, और उसका दिल भी टूट सा जाता है। पर फिर भी वो यही कहता है, कि वह रानी से अपनी दिल कि बात एक दिन जरूर बोलेगा,मौका मिलते ही वह रानी को अपने दिल कि बात बोल कर हमेशा के लिए उससे अलग हो जाता है। देखते ही देखते रानी और अमित दोंनो स्कूल से कॉलेज में आ जाते है। अब इसे आप एक इत्तेफाक ही समझ लीजिये कि दोंनो का एडमिशन एक ही कॉलेज में होने जाने के कारण दोंनो का आमना -सामना फिर से हो जाता है। अमित रानी को देखकर हैरान सा रह जाता है, और रानी से कहता है। कि तुम यहां कैसे? तो रानी कहती है, कि मैं " यहाँ से तुम्हारा क्या मतलब है? अमित इसी कॉलेज में, मेरा एडमिशन हुआ है। यह सुनकर अमित रानी से कहता है, कि पर तुम्हारी तो शादी होने वाली थी। न फिर तुम यहां कैसे? तभी रानी कहती है, कि मेरी शादी अभी नही होगी। यह सुनकर अमित खुश हो जाता है। और रानी से कहता है, कि तुम मुझसे बहुत सालों बाद मिल रही हो कैसा लगा मुझसे मिलकर कभी सोचा था, तुमने कि फिर मुझसे कभी मिलना होगा तुम्हारा। तभी रानी कहती है, कि सोचा तो नही था। पर अब मिल गए है, तो क्या करे।
वैसे तुम यह सब क्यों पूछ रहे हो मुझसे अमित? क्या तुम इतने सालों से मे रा ही इंतजार कर रहे थे, क्या? अमित यह सुनकर रानी से हाँ बोल देता है। हाँ रानी मैं इतने सालों से तुम्हारा ही इंतजार कर रहा था, यही सोच रहा था। कि अपनी रानी से अब कब मिलना होगा मेरा। रानी मैं तुम्हें कभी बता नही पाया अपने दिल कि बात पर आज बताने जा रहा हूँ कि में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और तुम्हारे बिना एक पल भी जी नही सकता यह सुनकर रानी जोर -जोर से रोने लग जाती है। और अमित से कहती है, कि अमित शायद मैं " तुम्हारे इस प्यार के लायक नही हूँ, क्योंकि में एक किन्नर हूँ। यह सुनकर अमित के पैरों तले आसमान खिसक जाता है। इसके बाद उसको अपने आपसे बहुत ज़्यादा घिन आने लग जाती है, वह यही सोचता रहता है।
कि वह एक किन्नर को कैसे प्यार कर सकता है, उससे कैसे शादी कर सकता है। क्योंकि उसने तो रानी को लेकर बहुत सारे ख्वाब सजाएं थे। वह खुद रानी से शादी करना चाहता था। उसको अपना बनाना चाहता था। पर अब उसके सारे सपने पर पानी फिर गया। इस समय वह बहुत गुस्से में था।
घर आते ही उसने अपने आपको एक अकेले रूम में बंद कर लिया। न खाना खाया न सोया बस यही सोचता रहा कि वह क्या करे। उसके सामने बार - बार रानी का मासूम सा चेहरा आ जाता। यह वही चेहरा था जिसने बार -बार रानी को उसकी तरफ खींचा उसे अपना बनाया वह कैसे रानी को छोड़ सकता है। रानी उसका पहला प्यार है। उसने इस प्यार को पाने के लिए कितना इंतजार किया था, जब आज इतने सालों बाद उसको उसका प्यार मिल रहा है, तो वह उस प्यार को पाने के बजाय उसको छोड़ रहा है। जब वह रानी से मिलने कॉलेज जाता है, तो रानी उसको कॉलेज में नही मिलती। रोज कॉलेज जाने पर उसको पता चलता है, कि रानी ने अब हमेशा के लिए अपनी पढ़ाई छोड़ दी है।
यह सुनकर उसको अपने आप पर जितना गुस्सा आता उतना ज़्यादा रानी को खोने का अफ़सोस भी होता। अमित ने फिर किसी भी तरह रानी को ढूंढने का प्रायस किया। पर उसको रानी कही न मिली। लगभग चार साल बाद फिर उसकी मुलाक़ात रानी से होती है। पहले कि रानी में और अब कि रानी में उसको बहुत फर्क दिखता है। रानी कि खूबसूरती पहले से और ज़्यादा बढ़ जाती है, वह और ज़्यादा आकर्षित भी लगती हैं! जैसे ही अमित रानी के पास जाने के लिए अपने कदम बढ़ाता है, तो रानी उससे अपनी दुरी बना लेती है। रानी जहां जाती अमित उसका पीछा करता यह सब देखकर सड़क पर आते - जाते लोगों ने अमित का विरोध करना शुरू कर दिया और उसको एक लड़की का पीछा करता देख उसको मारने लग गए। यह सब रानी से न देखा गया, उसने अमित को लोगों के मार से बचाया। और अमित को अकेले में जाकर समझाया कि अमित तुम क्यों बार - बार मेरी नजरों के सामने आ जाया करते हो। प्लीज मुझसे दूर रहो। यह सुनकर अमित रानी को गले लगाकर रोने लग जाता है। और कहता है, कि रानी मुझे माफ कर दो अब "मैं तुम्हें एक पल और नही खोना चाहता। यह सुनकर रानी हँसने लग जाती है, और कहती है। कि अमित तुम क्यों मेरा बार - बार मज़ाक बना रहे हो।
यह प्यार जन्मों का साथ होता है, कोई एक, दो महीने कि बात नही होती तुम मेरे साथ अपना सारा जीवन नही बीता सकते। सच्चाई यही है, कि में एक किन्नर हूँ। मेरे साथ शादी करके तुम कभी भी खुश नही रहे सकते। अमित रानी कि यह बात सुनकर उसको यही कहता है, कि रानी तुम्हारा प्यार ही मेरे लिए सब कुछ है। अगर तुम मुझे नही मिली तो में मर जाऊँगा । रानी हम दोंनो कि खुशी एक -दूसरे के साथ रहने में है, न कि अलग होने में। अमित हमारे इस रिश्ते के लिए कौन राजी होगा, क्या तुम्हारे माँ - पिता मेरे को एक किन्नर के रूप में स्वीकार करेगे। रानी कि यह बात सुनकर अमित कहता है, कि जब मैंने तुमसे प्यार अपने माता -पिता से पूछकर नही किया तो मैं, शादी भी उनसे पूछ कर नही करुँगा। पर ऐसा नही होता अमित यह तुम गलत बोल रहे हो। "मैं" अपनी खुशी के लिए तुम्हें अपने माता - पिता से अलग नही कर सकती। मुझसे शादी करके न ही तुम्हारा वंश आगे बढ़ेगा न परिवार। ऐसी लड़की को समाज में, कोई भी इज्जत नही देता जिसकी कोई औलाद न हो। रानी तुम पढ़ी लिखी लड़की होकर ऐसी बात कर रही हो। दुनिया में बहुत से ऐसे लोग भी है, जिनका कोई अपना खुद का बच्चा नही है, वह भी तो बच्चा अनाथ आश्रम से गोद लेते है। फिर हम भी बच्चा अनाथ आश्रम से गोद ले सकते है। हमारी हर एक इच्छा पूरी होगी बस तुम इस शादी के लिए हाँ बोल दो। रानी मैंने तुमसे सच्चा प्यार किया है। अब मैं, तुमसे और अलग नही रहे सकता तुम plzzz मुझसे शादी के लिए हाँ बोल दो। यह बात सुनकर रानी कि आँखों में आंसू आ जाते है। वह अमित से शादी के लिए हाँ बोल देती है। पर जब अमित अपने माता - पिता से रानी से शादी करनी कि बात बोलता है, तो उसके माता - पिता यह कहकर मना कर देते है। कि इस लड़की से तुम्हारी शादी नही हो सकती जो लड़की हमारे इस समाज में, हमारी बराबरी नही कर सकती जो हमारे घर के चिराग को जन्म नही दे सकती उस लड़की को हम कभी नही स्वीकार कर सकते? यह सुनकर अमित उनसे यही कहता है, कि अगर रानी के जगह आपकी खुद कि लड़की एक किन्नर होती तभी आप का यही फैसला होता। माँ आपको शर्म आनी चाहिए यह कहते हुए कि रानी समाज में, हमारी बराबरी नही कर सकती। इस दुनिया कि हर किन्नरो को में, इज्जत कि नजरों से देखता हूँ और रानी भी उनमें से एक है, मैं रानी से ही शादी करुँगा। चाहें आप मेरे इस फ़ैसले से मेरे और रानी के कितने भी खिलाफ हो जाओ। यह कहकर अमित अपना घर छोड़कर जाने लगता है। अमित को जाता देख उसके माता- पिता उन दोंनो को अपना आर्शीवाद देकर इस शादी के लिए राजी हो जाते है। वही दूसरी और रानी भी अपने परिवार वालो को मना लेती है। दोंनो परिवार कि सहमति से यह शादी खुशी - खुशी सम्पन्न हो जाती है।
शिक्षा - इस कहानी से हम सबको यही शिक्षा मिलती है। कि हमारे समाज में सबको बराबरी का दर्जा मिलना चाहिए।
स्वरचित कहानी
निक्की तिवारी