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मेरा क्या कसूर ( अध्याय चौथा )

14 नवम्बर 2021

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मेरी कहानी एक लड़की जिसका नाम सविता हैं। मेरी कहानी उसके ऊपर हुए अन्नाय के खिलाफ हैं।जिसमे लड़की की कोई गलती नही थी। गलती इस समाज की थी। देश के कानून की थी।एक लड़की सविता जो बी-कॉम की स्टूडेंट थी।वो लड़की बहुत ही समझदार थी।सविता दिखने में कोई इतनी खास सुंदर तो नही थी,लेकिन सविता का रहन-सहन, खान -पान, ओर नैंन नक्श बहुत ही अछे थे।सविता कम और अच्छा बोला करती थी।
अपने स्कूल के साथ-साथ वह घर का सारा काम भी सम्भाला करती थी।सविता घर को इनकम सुपोर्ट करने के लिए ट्यूशन भी पढ़ाया करती थी।सविता के घर की कंडीशन ज्यादा ठीक नही थी।उसके पिता जी मामूली 10 हज़ार ही कमाया करते थे। सविता की माता जी भी काम किया करती थी।वो एक फैक्ट्री में काम किया करती थी।रोजाना। कॉलेज जाने का किराया न होने के कारण सविता सिर्फ हफ्ते में दो दिन ही कॉलेज जाया करती थी। सविता को कॉलेज जाना कुछ खास पसंद नही था। एक दिन कॉलेज में कुछ ऐसा हुआ कि सविता ने कॉलेज जाना बिल्कुल ही बंद कर दिया। हुआ कुछ ये था कि जब कॉलेज की छुटी हुई तो सविता घर आने के लिए रास्ते मे ऑटो का इंतज़ार कर रही थी,तभी एक लड़का उसके पास आया और उसको वो पसंद करता है,पिछले कुछ महीनों से ये बोला।सविता एक दम शांत लेकिन घबरा गई,क्योंकि उसके साथ ऐसा पहली बार हुआ था।सविता ने उस लड़के को बिना जवाब दिए वहा से तेज़ी से निकल गयी। सविता के घर आते ही उसकी माँ ने उससे पूछा सविता तुम ठीक हो? सविता ने अपनी माँ से कहा हा माँ मै ठीक हूँ।वो अपनी माता जी को अगर बताती तो शायद उसकी माता जी।पिता जी को बताती ,ओर वो ऐसा सोच रही थी अगर पिता जी को पता चल जाएगा तो उसका कॉलेज जाना बंद न होजाये।

सविता एक महीने तक कॉलेज नही गयी। उसके एग्जाम अगले हफ्ते से ही थे, अब वो ओर भी।परेशान होगयी की वो लड़का वहा न आजाये। सविता हिम्मत बांध कर कॉलेज गयी ,क्योंकि।उसका पहला एग्जाम था उस दिन। सविता कॉलेज के बाहर आई और ऑटो को रोकने का प्रयास कर रही थी। उसने देखा शायद उसका कोई पीछा कर रहा हैं। लेकिन वो इग्नोर करके ऑटो में बैठ गयी। दो दिन बाद फिर एग्जाम था, सविता तैयारी में लग गयी। दूसरा दिन एग्जाम का आ गया ओर सविता रोज़ाना की तरह तैयार होकर कॉलेज पहुँच गयी। एग्जाम खत्म होते ही,जैसे सविता बाहर निकलती है,वो देखती है वो लड़का उसके सामने खड़ा था।सविता बहुत बुरी तरीके से डर जाती है। सविता बहुत कोशिश करती है कि वो वहा से।जल्दी निकल जाए लेकिन वो।लड़का उसे घेर कर खड़ा हो जाता है और बोलता है कि मैं तुमसे प्यार करता हूँ तुम भी मुझसे प्यार करो।

सविता उसे डॉट कर चुप करा देती हैं और वहा से जैसे तैसे निकल जाती है।सविता।की हालत बहुत ही।खराब।हो।रखी होती है। सविता घबरा रही होती है। पसीने छूट रहे होते है।उसकी माता जी आती है और पूछती हैं सविता तुम बहुत घबराई हुई।लग रही हो? सब ठीक तो हैं ना? सविता ने कहा नही माँ कुछ भी ठीक नही चल रहा।सविता ने अपनी माता जी को सब कुछ बताया।उसकी माता जी ने उस लड़के की बजाय सविता को।ही डाटा ,इतना तैयार होकर जाने की क्या ही जरूरत हैं। 

सविता को उसकी माता जी ने कॉलेज जाने से साफ मना कर दिया। सविता तुम्हे कॉलेज जाने की जरूरत नही हैं। सविता अपनी माता जी के ये शब्द सुनकर रोने लगी और बोली माँ मेरी क्या गलती हैं।उसकी माँ ने कहा गलती तेरी ही हैं।तुझे क्या।जरूरत है चार लोगों के सामने हँसने की, सुंदर बनकर जाने की।
सविता ने आंसू पोछे ओर कहा माँ मेरा लास्ट पेपर है पप्लीज मुझे जाने दो। मै पढ़ना चाहती हूँ। उसकी माँ ने कहा ठीक है, सिर्फ लास्ट एग्जाम देने ही जाओगी तुम। सविता ने शन्ति से जवाब दिया ठीक हैं। 

आज सविता का लास्ट एग्जाम।था। टेंशन सविता ओर उसकी माता जी को पेपर की नही बल्कि उस लड़के की थी। सविता डर डर कर कॉलेज गयी। जैसे ही सविता एग्जाम हॉल से बाहर आई। सविता ने इधर उधर देखा और उसे वहा कोई नही दिखा। सविता ने अपने कदम इतने तेज़ी से बढ़ाये ओर कॉलेज के बाहर आ गयी। अब सविता अपनी नज़रे इधर उधर घुमा रही थी, उसे वहा कोई नही दिख रहा था। सविता ने शांति से सांस ली। सविता अपने कदम बस आगे ही बढ़ा ही रही थी कि एक गाड़ी उसके सामने आकर रुकी ओर वो सहम सी गयी और सीधा खड़ी हो गयी।
उस गाड़ी में से एक लड़का निकला और सविता के गर्दन पर गोली चला कर गाड़ी में बैठ कर भाग गया।और वो वही लड़का था जो सविता को परेशान कर रहा था।

आखिर सविता की इसमें क्या।गलती थी। सविता के माता पिता जी ने उस लड़के पर केस भी दर्ज कराया लेकिन उसका कोई फायदा नही हुआ क्योंकि लड़के के पिता जी एम एल ए थे। इस केस को खारिज कर दिया गया। 

मैं बस यही कहना चाहती हूँ समाज के साथ साथ कानून को भी बदलना होगा नही तो सविता की जगह कल आपकी माँ, बहने, बेटिया भी हो सकती है।
आखिर कब तक लड़किया घर से बाहर जाने मे डरेंगी? आखिर  कब तक इस देश मे कोई सक़्त कानून नहीं बनेगा?
दूसरो की इच्छाओ को पूरा ना करने की सजा  कब तक लड़कियो को मिलती रहेगी?

स्वरचित कहानी 
निककी तिवारी।🖋️


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Jyoti

Jyoti

सुपर

5 दिसम्बर 2021

1 दिसम्बर 2021

Rajni Ojha

Rajni Ojha

Nice story.

1 दिसम्बर 2021

18 नवम्बर 2021

18 नवम्बर 2021

Nishu pathak

Nishu pathak

👌👌

16 नवम्बर 2021

Janardan Yadav

Janardan Yadav

👍👍👍👍

16 नवम्बर 2021

काव्या सोनी

काव्या सोनी

Behtreen likha aapne 👌👌👌👌

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