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ये जो मुस्कुराते चेहरे

22 जुलाई 2022

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ये जो मुस्कुराते चेहरे हैं न.....
अपने अंदर के गम को हंसी में यूँ ही उड़ा देते हैं
ये जो मुस्कुराते चेहरे हैं न
अपने गम को किसी से कहते नहीं
दूसरे के गम में ग़मगीन
दुसरो की ख़ुशी को भी अपना बना लेते हैं
यारों के यार होते हैं...
दिल से पूरे दिलदार होते हैं
ये जो मुस्कुराते चेहरे हैं न.....
जब भी अकेले होते हैं तब भी बात करते हैं
सिर्फ अपने दुःख की सिर्फ अपने मन से
बाँकि दुनिया अगर दुःख पूछने की कोशिश भी करें
तो सिर्फ चुटुकुलों की हंसी वाली बकवास करते हैं
क्योंकि ये जो मुस्कुराते चेहरे होते हैं न...
बहुत खास होते हैं
इसलिए तो ये इस दुनिया में हमारे आस पास होते हैं.

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कवितानामा
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इस पुस्तक में मेरे द्वारा रचित कविताओं को प्रस्तुत किया गया है इस पुस्तक में जीवन के अनुभवों को और अपनी संवेदनाओं को मैंने अपने शब्दो के माध्यम से मैं कविता के रूप में व्यक्त कर पाया हूं।

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