देहरादून: विधानसभा चुनाव से ठीक पहले विधायकों को तीन-तीन नए विद्यालयो का तोहफा देने की तैयारी में है सरकार। जो विधायक संकट को समय सरकार के साथ खड़े थे उन 32 वधायकों पर ये विशेष कृपा ख़ास तौर पर बरसने वाली है। इसके चलते हर विधायक से उनके क्षेत्र में दो हाईस्कूल और एक इंटर कॉलेज खोलने के प्रस्ताव मांगे जाएंगे। उच्चीकरण के ज़रिये नए विद्यालयों की स्थापना करने की तैयारी की जा रही है। इन सबके चलते सरकार पर 118 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ने वाला है। इसमें जूनियर हाईस्कूल को उच्चीकृत कर हाईस्कूल और हाईस्कूल को उच्चीकृत कर इंटर कॉलेज बनाया जायेगा। इस पूरी प्रक्रिया को बेहद ही गोपनीय तरीके से अंजाम दिया जा रहा है।
CM कार्यालय से विधायकों के प्रसतावों को लेकर दबाव
दरअसल, सरकार पर विधायकों की ओर से विद्यालयो के उच्चीकरण को लेकर काफी दबाव है। शिक्षा महकमों को इस बाबत् ढेरों प्रस्ताव मिल रहे हैं। सीधा मुख्यमंत्री कार्यालय से विधायकों के प्रस्तावो को महकमें भेजा जा रहा है। दबाव के चलते सरकार ने हर विधायक को तीन-तीन विद्यालयो का गिफ़्ट देने की योजना बनाई है। शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी विभागीय बैठकों में आला अधिकारियो को निर्देश दे चुके है। इंडिया संवाद ने जब इन से बात करने का प्रयास किया तो उन्होनें इस पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
डर डर के कदम बढ़ा रहा मंत्रालय
शिक्षा मंत्रालय को डर है कि चुनावी मौसम में यह मुद्दा कहीं तूल न पकड़ ले। इसलिए मंत्रालय पूरी ऐहतियात बरत रहा है। विधायकों के लिए तोहफा नवाज़ने की पुरानी परंपरा है। एनडी तिवारी की सरकार के दौरान हर विधायक को पांच-पांच विद्यालय देने की योजना बनाई गई थी। जिसमें काफी सारे विद्यालय उच्चीकृत किए गए। भाजपा की सरकार के दौरान भी उच्चीकृत का यह सिलसिला जारी रहा। कांग्रेस की इस सरकार ने पूरे कार्यकाल मे बड़े पैमाने पर विद्यालयो का उच्चीकरण किया है।
118 करोड़ से ज़्यादा का खर्च तय
सरकार के कुल समर्थक विधायकों की संख्या 32 है जिनमें उक्रांद का 1, बसपा के 2, निर्दलीय 3 और कांग्रेस के 26 विधायक है। इन 32 विधायकों पर 96 विद्यालय उच्चीकरण के दायरे मे आएंगे। जिसके अंदर 64 हाईस्कूल और 32 इंटर कॉलेज होंगे। अभी एक हाईस्कूल मे 7 शिक्षकों के वेतन और विद्यालय के भवन निर्माण पर 1 करोड़ का खर्च बैठता है। नए कॉलेज और स्कूल का कुल खर्च बढ़कर अब 1.70 करोड़ हो जाएगा। ऐसे मे 96 विद्यालयो के उच्चीकरण किया गया तो सीधा सीधा 118 करोड़ से ज्यादा का खर्च तय है। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से 16 वर्ष में 1438 विद्यालयों को उच्चीकृत किया जा चुका है। जिनमें 871 जूनियर हाईस्कूलो को हाईस्कूल और 621 हाईस्कूलो को इंटर स्तर पर उच्चीकृत किया गया।