पूर्णिया में 'मालदा' को लेकर प्रदर्शन और तोड़फोड़ ने बनाया एक और 'मालदा' का माहौल
इंडिया संवाद ब्यूरो नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के मालदा में रविवार को हुए हंगामे पर बवाल अभी शांत भी नहीं हुआ कि बिहार के पूर्णिया जिले में भी हंगामा हुआ है। खबर है कि गुरुवार को पूर्णिया में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी के पैगेंबर साहब के कथित बयान के खिलाफ जुलूस निकाला। जुलूस आल इंडिया इस्लामिक काउंसिल के बैनर तले निकाला गया था। जुलूस में शामिल लोग कथित तौर पर विवादित बयान देने वाले कमलेश तिवारी को फांसी देने की मांग कर रहे थे। जुलूस के बाद इन्होंने प्रशासन को अपना ज्ञापन भी सौंप दिया लेकिन जब जुलूस वापस लौट रहा था तो हजारों लोगों की भीड़ ने थाने पर हमला बोल दिया और यहां जमकर तोड़फोड़ की। थाने के अंदर घुसकर कंप्यूटर और फर्नीचर तोड़ डाला। जुलूस की अगुवाई स्थानीय मुस्लिम नेता और पूर्व विधायक मोहम्मद रुकनुद्दीन कर रहे थे। जुलूस में 25 से 30 हजार लोगों की भीड़ बताई थी। बवाल बढ़ता देख पूर्णिया के डीएम मौके पर पहुंचे और उपद्रवियों की पहचान कर उन पर कड़ी कार्रवाई की बात कही। जुलूस की अगुवाई करने वाली संस्था आल इंडिया इस्लामिक काउंसिल ने कहा है कि वह इस घटना पर शर्मिंदा है और तोड़फोड़ करने वालों की गिरफ्तारी करवाने में पुलिस और प्रशासन का सहयोग करेगी। पूर्णिया की तरह ही 3 जनवरी को पश्चिम बंगाल में मालदा जिले के कालियाचक में मुस्लिमों की रैली के दौरान हिंसा भड़की थी। इस पर देश में जमकर हंगामा हुआ। खबर है कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह 18 जनवरी को पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के हिंसा प्रभावित इलाके कालियाचक का दौरा कर सकते हैं। इस बीच लापरवाही बरतने पर कालियाचक थाने के 7 पुलिस अफसरों का तबादला कर दिया गया है।