नई दिल्ली: रावण ने सीता का अपहरण किया, लेकिन उसे छुआ तक नहीं, तब भी आप हर साल रावण दहन करते हैं। छह लोगों ने निर्भया का सामूहिक बलात्कार किया और बड़ी ही नृशंसता के साथ सड़क पर उसे मरने के लिए फेंक दिया, बावजूद उसके आप उसे रिहा कर रहे हो!
16 दिसंबर 2012 को दिल्ली ही नहीं, दुनिया का दिल दहला देने वाली दर्दनाक घटना का नाबालिग आरोपी आज रिहा हो रहा है। नाबालिग... जिसने राॅड घुसाकर बोला था... साली मर, कानून ने ऐसे अपराधी को बच्चा मानकर सुधारगृह भेज दिया। हालांकि, हम सभी जानते हैं कि ऐसे अपराधी न तो कभी बच्चे हो सकते हैं और न ही दुनिया का कोई भी सुधारगृह उन्हें सुधार सकता है। लेकिन देश का कानून मौन है और अशक्त भी। कानून कहता है उसके हाथ बंधे हैं, जब तक मंत्रिगण मिलकर कोई सख्त कानून नहीं बनाते, कोई कुछ नहीं कर सकता। बावजूद इसके मंत्रिगण मौन हैं।
इंडिया गेट पर आज फिर निर्भया के माता-पिता के साथ पूरा देश मौजूद है। वहां मौजूद प्रदर्शनकर्मियों के हाथों में बैनर क्या कहते हैं... आइए, देखें...
1. अतुल्य भारत: अगर आपकी उम्र 18 से कम है तो आइए, दुष्कर्म कीजिए और चले जाइए।
2. उम्र कसौटी नहीं हो सकता, खासकर जब अपराध दुष्कर्म हो। दुष्कर्मी को फांसी दो।
3. कितने में मिलेगा न्याय...? रुपये या डाॅलर में?
4. दुष्कर्म करने के हथियार को टुकड़े-टुकड़े कर दो। बेशक फिर दुष्कर्मी को एंज्वाॅय करने के लिए छोड़ दो।
5. दुष्कर्म महामारी की तरह फैल रहा है। इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, आज ही इसे जड़ से खत्म करने की जरूरत है।