इंडिया संवाद ब्यूरो
कोलकाता: बंगाल में अगले साल होेने वाले विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व तैयारी कर चुका है। पश्चिम बंगाल के स्थानीय बीजेपी नेताओं का कहना है कि केंद्रीय नेतृत्व धार्मिक एजेंडे को तरजीह दे रहा है जिसे लेकर वह नाराज दिखाई दे रहे हैं।
स्थानीय नेताओं का मानना है कि बीजेपी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक दिलीप घोष को बीजेपी की राज्य इकाई का अध्यक्ष बना दिया है। यही नहीं, घोष के अतिरिक्त बंगाल यूनिट के तीन बड़े पदों पर आरएसएस के लोगों को बिठाया गया है, जिससे आगामी चुनाव में धार्मिक धु्रवीकरण की संभावना बढ़ गई है।
गौरतलब है कि बंगाल में बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी है। बीजेपी के इस कदम के बाद ममता को मुस्लिम ध्रुवीकरण का फायदा मिल सकता है। घोष की नियुक्ति के बाद बीजेपी की बंगाल यूनिट के तीन बड़े पदों पर आरएसएस के लोग काबिज हो गए हैं। अध्यक्ष के अलावा दो महासचिव भी संघ से ही आए हैं। इससे ऐसे राज्य में हिंदुत्व को प्राथमिकता दिए जाने का रास्ता बनेगा, जहां एक तिहाई वोटर मुसलमान हैं।