नई दिल्ली: दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल के प्रमुख सचिव राजेन्द्र कुमार ने सीबीआई को पूछताछ में बताया है कि उन्होंने किसी भी सरकारी फाइल पर कोई गड़बड़ नहीं की है और उन्हें साक्ष्य परिस्थिति के आधार पर आरोपी बनाने की साजिश दिल्ली डायलॉग कमीशन {DDC} के सचिव आशीष जोशी ने की है.
सूत्रों के मुताबिक उन्होंने सीबीआई को बताया है कि आशीष जोशी के आचरण को लेकर उन्होंने वरिष्ठ अधिकारी की हैसियत से फटकार लगाई थी, जिसके बदले में जोशी ने उनके खिलाफ यह मामला खड़ा किया है. सूत्रों के मुताबिक जब सीबीआई ने उनसे यह पूछा कि वह डीडीसीए के भ्रष्टाचार के बारे में भी छानबीन करा रहे थे तो राजेन्द्र कुमार ने कहा कि उनकी शिकायत का इस मामले से कोई लेना देना नहीं.
जोशी प्रशासन परिसर में करते थे धूम्रपान
जोशी को लेकर दिल्ली डायलॉग कमीशन के उपाध्यक्ष आशीष खेतान ने DDC के चेयरमैन और मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर बताया कि आशीष जोशी ऑफिस परिसर में कई बार सिगरेट पीते और गुटखा खाते पकडे गए। यही नहीं, इस अधिकारी ने सेवा के कई नियमों का उल्लंघन भी किया है। लेकिन जोशी को हटाने के लिए सिर्फ यही कारण नही थे बल्कि इसके अतिरिक्त उन पर गंभीर आरोप भी थे। आशीष जोशी ने इसके लिए राजेन्द्र कुमार को जिम्मेदार ठहराया और उनके खिलाफ शिकायत की। राजेन्द्र कुमार के खिलाफ जोशी की शिकायत मुख्य सचिव केके शर्मा को लिखे ई -मेल में मौजूद हैं।
मुकेश मीना और आशीष जोशी ने मिलकर रची साजिश
दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग ने 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी मुकेश मीना को दिल्ली सरकार के विरोध के बावजूद एसीबी का चीफ बना दिया। जिसके बाद मीना केजरीवाल के विरोधी हो गए। मुकेश मीना की नियुक्ति को केंद्र सरकार द्वारा एसीबी पर नियंत्रण करने के कदम के रूप में देखा जा रहा था। जबकि एसीबी का इस्तेमाल दिल्ली सरकार के भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई करने का माध्यम था।
जोशी ने उनके खिलाफ पुलिस स्टेशन में दर्ज की थी शिकायत
आशीष जोशी और मुकेश मीना अक्सर एक साथ टहलने निकला करते थे। ये दोनों अधिकारी दिल्ली के केजरीवाल सरकार के विरोधी हो गए। इन दोनों ने फैसला किया कि दोनों एक दूसरे का साथ देकर दिल्ली सरकार के खिलाफ आवाज उठाएंगे। आशीष जोशी को दिल्ली सरकार द्वारा हटाये जाने के बाद जोशी ने पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में मई 2015 में एक शिकायत दर्ज की, जो कि राजेन्द्र कुमार और केजरीवाल के मीडिया सलाहकार नागेन्द्र शर्मा के खिलाफ एक धमकी के रूप में समझी जा सकती है।
कंपनियों से नहीं है कोई सम्बन्ध
राजेन्द्र कुमार ने कहा कि उन पर जिन कंपनियों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया जा रहा है, उनसे उनका कोई सम्बन्ध नहीं है। इसमे संदीप कुमार, दिनेश कुमार, अशोक कुमार आदि के नाम भी शामिल थे।
जोशी ने दी थी बदला लेने की धमकी
सामाजिक कार्यकर्ता इंदु प्रकाश सिंह ने 4 अप्रैल 2015 को आशीष जोशी के खिलाफ एक शिकायत दर्ज की थी। आशीष जोशी ने राजेन्द्र कुमार से कहा था कि वह 48 घंटे के भीतर समाजिक कार्यकर्ता द्वारा उनके खिलाफ लगाये गए आरोपों का खंडन करे। जोशी ने राजेन्द्र कुमार को धमकी दी कि अगर वह उसकी मांगों को पूरा नहीं करता है तो वह उसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर देगा। जोशी द्वारा की गई इस शिकायत में इस्तेमाल की गई भाषा से स्पष्ट होता है कि सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा जोशी के खिलाफ दर्ज की गई शिकायत के लिए राजेन्द्र कुमार जिम्मेदार हैं।
राजेन्द्र कुमार ने जोशी की मांगों को पूरा नहीं किया। जब जोशी की पुलिस स्टेशन में की गई शिकायत पर कोई फैसला नहीं हुआ तो जोशी ने एसीबी के चीफ मुकेश मीना से बात की। मीना ने जोशी को सलाह दी कि वह एसीबी में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करे और राजेन्द्र कुमार और उनके काम करने के तरीकों की जानकारी पता करने को कहा। जोशी ने ऐसे कई लोगों से बात की, जो प्रशासन में कुमार के विरोधी थे।
मीना की सलाह पर की सीबीआई में शिकायत
मीना ने एसीबी में की गई आशीष जोशी की शिकायत को मीडिया में सार्वजानिक कर दिया। मीना ने जोशी से कहा कि आपकी एसीबी में की गई इन शिकायतों के आधार पर कार्रवाई नही की जा सकती इसलिए वह अपनी शिकायत सीबीआई में दर्ज करवाए।