इंडिया संवाद ब्यूरो
नई दिल्ली: बिहार लुटाने के बाद संघ ने मिशन यूपी के लिए मंदिर का राग छेड़ा है . राम लला का मुद्दा फिर बीजेपी भुनाने की तैयारी में है. देश के कई राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में संघ प्रमुख मोहन भागवत और विहिप की तय योजना के तहत बीजेपी इसे देश व्यापी आंदोलन के रूप में एक बार फिर खड़ा करने की जुगत में है. इसी योजना के तहत अयोध्या में बीते दिन राम मंदिर बनाने के लिए जयपुर से पत्थर भी आने शुरू हो गए है.
बीजेपी के पास एकमात्र विकल्प
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के पास नरेंद्र मोदी के पीएम बन जाने के बाद अब उसके पास कोई नया मुद्दा जनता के पास लेकर जाने के लिए नहीं बचा है. ऐसे में उसके पास अब कोई नया विकल्प भी नहीं है. बताया जा रहा है कि भाजपा के पास अब पूरे देश की जनता को एकजुट करने का एकमात्र बस यही रास्ता बचा है. जिसके चलते इसकी नीव अयोध्या से रखने की पहल की जा चुकी है. इतना ही नहीं जयपुर से मंगवाए जा रहे पत्थरों को भी लाने की इजाजत प्रशासन से नहीं ली गई है. इन पत्थरों की राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास पूजा भी कर चुके है. समझा जाता है कि साल 1992 की तरह आरएसएस के इशारे पर विहिप नेता इस मुद्दे को देश व्यापी बनाने के लिए जनता के बीच हिदुत्व की भावना को जगायेंगे.
पत्थरों के आने से प्रशासन में हड़कंप
फिलहाल अयोध्या में पत्थर मंगवाए जाने से प्रशासन में हड़कंप मच गया है. उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (गृह) देवाशीष पांडा ने कहा है कि सरकार अयोध्या में पत्थर लाने की इजाजत नहीं दे सकती है. यह मामला कोर्ट में चल रहा है, इसलिए इस मामले में नई परंपराओं की छूट नहीं दी जा सकती है. वहीं फैजाबाद के एसएसपी मोहित गुप्ता ने कहा है कि पुलिस इस पूरे घटनाक्रम पर बारीकी से नजर बनाये हुए है. अयोध्या में पत्थर लाए गए हैं, जिन्हें एक स्थान पर रखा गया है. अगर इस वजह से सांप्रदायिक सदभाव को जरा भी खतरा पैदा हुआ तो पुलिस एक्शन लेगी.
राम लल्ला का मुद्दा ही विकल्प
इस बाबत महंत नृत्य गोपालदास ने कहा कि भगवान की कृपा से राम मंदिर निर्माण का वक्त आ गया है. जिन शिलाओं की पूजा हो चुकी है, उनसे मंदिर निर्माण होगा. केंद्र में मोदी की सरकार है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि जल्दी ही राम मंदिर निर्माण शुरू होगा. महंत गोपालदास ने यह भी कहा कि अभी तक राम मंदिर के लिए कानून बनाने के लिए राज्यसभा में बहुमत का इंतजार था, लेकिन अब ऐसा नहीं है. पूजन के बाद पत्थरों की शिलाओं को रामसेवक पुरम में रखा जा रहा है. यहीं से इन शिलाओं को निर्माण स्थल पर भेजे जाने की बात कही जा रही है. जून में मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों को दान दिए जाने की घोषणा की गई थी. बहरहाल प्रस्तावित विधानसभा चुनावों में बीजेपी केंद्र के साथ-साथ राज्यों में भी अपनी सरकार बनाने के प्रयास में है. जिसके चलते अब वह संघ के इशारे पर चलकर इस लहर को अपनी जीत के रूप में देख रहा है.