कैसे मोदी का 'मेक इन इंडिया' और केजरीवाल का 'ऑड-इवेन' फ़ॉर्मूला आपस में टकरा रहे हैं
नई दिल्ली : दिल्ली की केजरीवाल सरकार और पीएम मोदी में छत्तीस का आंकड़ा है दोनों अपने-अपने लक्ष्य हासिल भी करना चाहते हैं। केजरीवाल ने खुद प्रधानमन्त्री मोदी को चिट्ठी लिखकर सारे सांसदों को ऑड-इवेन फॉर्म्यूले को अपनाने के निर्देश देने को कहा है। वहीँ मोदी सरकार भारत में लगातार विदेशी निवेश लाने के लिए जापान, चीन, अमेरिका से लेकर रूस तक के दौरे पर हैं। लेकिन केजरीवाल का ऑड-इवेन फॉर्म्यूले और मोदी का विकास का फॉर्म्यूले आपस में टकरा सकते हैं। केजरीवाल के फॉर्म्यूले पर जापानी और कोरियाई एम्बेसी असहमत अख़बार इकनोमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार जापान और दक्षिण कोरियाई एंबेसी ने केजरीवाल केऑड-इवेन को लेकर कहा है कि इससे विदेशी निवेश को झटका लग सकता है। दिल्ली सीएम के इस फॉर्म्यूले से चिंतित दोनों देशों की एंबेसी का कहना है कि ऑड-ईवन प्लान से नेशनल कैपिटल रीजन में उनके नागरिकों को आवाजाही में दिक्कत होगी और लॉन्ग टर्म में एनसीआर में निवेश कम हो सकता है। उनका कहना है कि वह इस मुद्दे को दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के सामने भी रखेंगे। एनसीआर में 3,700 कोरियाई जबकि 2,500 जापानी नागरिक रहते हैं। अगर दोनों देशों से निवेश बढ़ता है तो इस संख्या में और बढ़ोतरी होगी मेक इन इंडिया में जापान, कोरिया का भारी निवेश जापानी एम्बेसी का कहना है कि इस फैसले को अचानक लागू नही करना चाहिए था। दुनिया के जिन भी देशों में इस प्लान को लागू किया गया है, वहां 6 महीने पहले इस बारे में नोटिस दिया गया था। गौरतलब है कि जापान और साउथ कोरियाई कंपनियों ने भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में भारी-भरकम निवेश किया हुआ है। मारुति सुजुकी, हॉन्डा और ह्युंदै जैसे नाम इस लिस्ट में शामिल हैं। दिल्ली में प्रदूषण के कारण घटा विदेशी निवेश दिल्ली में प्रदूषण की इतनी मात्र देखकर ही कई विदेशी कंपनियां भारत में निवेश करने से हिचकिचा रही है और यही कारण है कि कुछ विदेशी यहां नहीं आना चाहते। जापान चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री इन इंडिया के मुताबिक एनसीआर में 300 जापानी कंपनियां और इंस्टीट्यूशंस हैं। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे हाल ही में भारत यात्रा पर आए थे जिसके बाद भारत में जापानी निवेश बढ़ने की उम्मीद बंधी है।