चंडीगढ़ : हरियाणा के पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री भूपेंदर सिंह हुड्डा के खिलाफ जमीन आबंटन मामले में FIR दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने विजिलेंस ब्यूरो को यह आदेश दिए। प्लाट आवंटन घोटाले में हुड्डा समेत हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के चेयरमैन, तत्कालीन हुडा प्रशासक आई.ए.एस. अधिकारी डी.पी.एस. नागल, हुडा के मुख्य वित्त अधिकारी एस.सी. कांसल तथा बी.बी. तनेजा के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश जारी किए गए हैं।
एफआईआर के मुताबिक सभी 17 लोगों पर 201, 204, 409, 420, 467, 468, 471, 120 बी और 13 पीसी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। सूत्रों के मुताबिक जिन 13 प्लॉट धारकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, उनमें कई सारे भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी रहे हैं।
इस घोटाले की जाँच सीबीआई को सौंपने की सिफारिश भी कर दी गई है। सीबीआई बहुत जल्द इस मामले में कार्रवाई शुरू करेगी। सरकार ने यह फैसला विजिलेंस ब्यूरो द्वारा की गई जांच तथा राज्य के महाधिवक्ता की सिफारिश पर लिया है। हरियाणा में यह पहला मामला है जिसमें सीधे तौर पर हुड्डा के खिलाफ कार्रवाई हो रही है।
क्या था मामला ?
हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2011 में पंचकूला में औद्योगिक प्लाट आवंटित करने के लिए आवेदन मांगे थे। यह प्लाट 496 स्केयर मीटर से लेकर 1280 स्केयर मीटर तक के थे। जिसकी एवज में हुडा के पास 582 आवेदन आए थे। जिनमें से अलाटमेंट के लिए 14 का चयन किया गया था। इस आवंटन में जमकर भाई भतीजावाद हुआ था। सरकार ने सत्ता में आते ही इस मामले की जांच विजिलेंस ब्यूरो के हवाले की थी। विजिलेंस ने प्रारंभिक जांच में इस आवंटन में ढेरों अनियमितताएं पाई थी।
इसी रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद हरियाणा के महाधिवक्ता ने भी इस मामले में कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की थी। जिसके चलते आज दिनभर चले घटनाक्रम में विजिलेंस ब्यूरो ने पूर्व सीएम व अन्य अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।