वादों से जुड़ा रिश्ता.... एक अटूट बंधन!
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नोट :: ये कहानी पुर्णत: काल्पनिक है ! इस कहानी का किसी भी व्यक्ति या स्थान से कोई संबंध नहीं है !! धन्यवाद...🙏____________________________________________________________तेरी, चाहतों में, कितना
अनाया – हम्म! थी तो!!_"पर इतना भी नहीं होना चाहिए था । की मैने तेरी तरफ ध्यान ही नहीं दिया! मुझे सोचना चाहिए था! सारी गलती मेरी ही हैं!"उदास होते हुए अनाया बोली!निधी – कोई बात नहीं अनु!.._"तुम्हारी को
और निधी को कॉल लगा देता है..दो तीन बार रिंग जाने पर भी, कॉल रिसीव नहीं होता तब अनय भी परेशान होने लगता है! ..._"की ये फोन क्यूं नहीं उठा रही है! हो सकता हैं फोन साइलेंट करके सो गईं हो!! हम्म्म! यही बा
हां हां हम हमारी गुड़िया के साथ तो हमेशा रहेंगे ही। क्योंकी वो हमारी भी तो बेटी है। आखिर भांजी है वो हमारी,, और हम उसकी मासी... तू देख लियू वो जब आयेगी ना तो सबसे ज्यादा अपने मासी के पास ही रहेगी,, मा
अनाया – उसे पिछे से ही देखे जा रही,, तभी अनाया की नज़र,,उस आदमी के पास फुल स्पीड में आती एक बाइक सवार पर गई , वो बाइक सवार ... उस कार वाले आदमी के पास," जा कर सीधा खड़ा हो गया। और उसके बाद अनाया
अश्विन = छोटी मां ,, आपको तो पता ही है भैया भी यहां नही है,, तो मुझे ही उनका और अपना दोनो का काम संभालना पड़ता है,, इसके लिए मुझे जाना तो पड़ेगा और अगर मै रेस्ट करने लगा तो ये काम कौन देखेगा मेरी छोटी
तान्या = तालियां बजाते हुए वाह वाह क्या बात है तू तो शायर बन गई है यार !अनाया = उहूं ! ऐसा कुछ नहीं है !!तभी दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी......आगे.........................दरवाजे पर नॉक करते हुए एक लड़का
ऋषि एकटक बस अनाया को निहारे जा रहा था , उसको यकीन ही नहीं हो रहा था की अनाया उससे मिलने आई है , जब से उसने अनाया को प्रपोज किया था ... तबसे वो तो उससे बात भी नहीं करना चाहती थी , वो तो उसको देखना भी न
फ्रेश हो कर अनाया उस फाइल को खोलती है तो , उसमें से उसे एक पेपर मिलता है ,,, जिसमे सायाद कुछ लिखा था । जिसे अनाया अभी भी अपनी आंखो से बस घूरे जा रही थी ,, उसका बस चलता तो वो ,, उस पेपर को अपनी आंखो से
ना चाहते हुए भी उसने... फोन की तरफ एक नज़र देखा,,,फोन पर ब्रो का नाम शो हो रहा था ...<div><br></div><div>उसने फोन उठाया तो उधर से उसने कुछ सुन बस इतना ही कहा ,,, ठीक है मैं कल सुबह वहां पहुंच जाऊंगा&n
अरे ... नहीं ! नहीं ! अनाया ये तो बहुत बड़े ,, वो कुछ बोलती तभी ,, निधि .. अनु चल .. चल ना यहां से हमे बहुत लेट हो रहा है ,, वो बोलते हुए उसे खींच कर ले जाती हैं !अनाया जाते हुए भी उसे घूर ही रह
उसके जाते ही दोनों हाईफाई देती हैं और दोनों हंसने लगती हैं !नीधि अनाया की खिंचाई करते हुए = क्या अनु तू तो उसको भगा ही दी यार ... ऐसे कौन करता है यार ....अनाया = हम ... और कौन ... बडी आई ,, मेरे नीधि
अनाया गुस्से में उसका हाथ झटकते हुए ,, हां हम एकदम ठीक है .. ये छोटी मोटी चोट से हमें फर्क नहीं पड़ता !एनी वे आपने हमे क्यों बुलाया ??अश्विन अपने आपसे बड़बड़ाया ,, कोई बात तो इस लड़की को माननी ह
नीधि उसके कंधे पर सर रखे हुए ही – हम्म !अनय – कुछ खाओगी ..???नीधि – हम्म ... अपने पसंद का कुछ भी मंगा लो ...________________इधर एक कमरे में एक आदमी बहुत बुरी तरीके से चिल्ला रहा था __ हम्का ना मारो ..
शालिनी जी – बेटा वो तो अभी नहीं आई ...नीधि – ठीक है आंटी ... जब आ जाए तो बता दीजिएगा उसे..... ( बोल कर कॉल कट कर देती हैं नीधि...)नीधि अपने आप से ..... ये कहां रह गईं अभी तक घर भी नहीं पहुंची ... फोन
नीधि खुद से _ वो खत... आंटी ये कौन से खत की बात कर रहीं थी ..... आखिर उस खत में ऐसा क्या लिखा था ?? मुझे उस खत के बारे में पता करना ही होगा...कोई ना आंटी से ही पता करने की कोशिश करती हूं.......... मेर
अनाया लेटी उन दोनो की बाते सोच सोच कर मुस्कुरा देती हैं.... सच कहें तो अनाया आज बहुत खुश थी....अनाया अपने मन में __ थैंक्यू महादेव आज इतनी बड़ी खुशी हमें देने के लिए.... देखिए ना महादेव.. जिसके हमे कब
तभी अश्विन के कानों में अनाया की आवाज़ गूंजी...कौन हो बे तुम लोग.. अनाया ने एकदम गुस्से से कहा...देख क्या रहे हो भाई लोगो.. उठा लो लड़की को... एक काले से आदमी ने कहा तो दूसरा आदमी आगे आया...अश्विन, अन
वहां खड़े आदमियों में से एक आदमी निकल कर आता है.. और वहां रखा बॉटल में सारा पानी एक झटके से उसके मुंह पर डाल देता है .... जिससे वो आदमी होस में आ जाता है ,,,, वो आदमी अपनी आंखें खोलते ही ,,,
अनाया तो चली गई थी । पर अश्विन की नजरे उस ओर ही थी जिस ओर अनाया गई थी । जब तक वो टैक्सी उसके नजरों से ओझल नहीं हो गईं तबतक वो वही खड़ा हो देखता रहा और सोचते हुए ही उसने कार आगे बढ़ा दी , अश्विन ड्राइव
निधि ले जा बेटा इसे यहां से यह तेरी अमानत है । –" रोती हुई वो औरत बोली !निधि बीना कुछ बोले अनय का हाथ पकड़ वहां से बाहर निकल जाती हैं !अनय निधि को चुप कराता है और बच्ची को अपने गोद में ले कर – “
रोते रोते अचानक उसे शौर्य की बात याद आई वो झठ से अपने आंसु पोंछ तस्वीर को साफ़ कर अपने सीने से लगा कर सिसकियों के साथ कहती हैं ,– सॉ .. सॉरी शौर्य ! ये आंसु गलती से निकल गया हा .. हम तो तुम्हें हमेशा
, इसलिए मैं तुमसे एक बात कहना चाहूंगा तुम इस घर में रहने वाले लोगो से कभी कोई उम्मीद मत करना क्योंकी वो जो औरत बाहर हॉल में थी ना उनके दिल में मेरे लिए तो जगह है पर मेरे अपनो के लिए नहीं तो तुम उनसे क
निधि अनय के सीने में सर छुपाए गुड़िया को देखते हुए अनय मुझे ऐसा क्यूं लग रहा है जैसे यह एक ख़्वाब है और मेरी आंख खुलते ही यह ख़्वाब टूट टूट कर चूर हो जाएगा ! अनय मुस्करा दिया । उसने अपनी अंगुलियो
और आपकी ये वर्दी जो बिक चुकी है कुछ रूपये में इसे तो मैं बोलते बोलते वो लड़खड़ा जाते हैं वो इंस्पेक्टर उन्हें सहारा दे कर कुर्सी पर बैठाते हैं और पानी देते हुए वो इंस्पेक्टर कहता है – ये लीजिए पानी पी
किसी ने जानबूझ कर खुद को बचाने के लिए रेणुका को मारने की पूरी कोशिश की है । और इसे एक एक्सीडेंट केश बना दिया गया हो ? ए लड़की खुली हुई आंखों से सपने देख रही है क्या ? जो इतना बड़ा आदमी सामने दिखा नहीं
अश्विन थोड़ा उसके क़रीब आ कर उसके चीन को अपने अंगुलीयों से थोड़ा ऊपर करके बोला – मुझे कोई सौख नहीं है तुम्हारे लिए अपना कीमती समय बरबाद करने के लिए। मैं तो अपने लिए यहां रुका हूं समझी? वो क्या है ना म
अश्विन थोड़ा हैरानी से – क्यों ? वो आपके घर के मालिक हैं जो आपके पापा मम्मा पर गुस्सा करेंगे वो ? और बातें सुनाएंगे । अनाया सर झुका कर – नहीं !अश्विन – फिर वो क्यों करेंगे गुस्सा ?आगे............
अनाया गुस्से और जलती हुई आंखो से बोली – ये आपको मजाक लग रहा? ऐसे.. ऐसे कौन मजाक करता है ? वाइफ , वाइफ मजाक जैसा शब्द आपको लगता है ? और हां सॉरी बोलने से सब खत्म हो गया? हां और क्या एक सॉरी बोल दिया बा
वह लड़की इस लड़की की सहेली है। और तुम्हें तो पता ही है ना की शौर्य के टाइम पर कैसे उसने रात दीन एक कर दिया था, उसके गुनहगारों को सजा दिलाने के लिए। पर वो तो अच्छा हुआ की मैंने ऐन मौके पर ही वकील को मर
प्रॉमिस .....," अनाया ने अपना हाथ उसके हाथ पर रख दिया"अश्विन उसका हाथ पकड़े हुए ही मुस्कुरा दिया!मैम........... तभी किसी की आवाज़ सुनाई देती हैं जिससे दोनों साथ ही सामने देखते हैं!आगे.................
जब बहुत देर तक कोई ऑटो नहीं दिखी और खड़े होने से उसके पैर का दर्द भी बहुत बढ़ चुका था। जब उससे सहन नहीं हुआ तो वह वहीं सड़क पर बैठ गई और उसके मुंह से एक दर्द भरी आह निकल गई! वह दर्द की वजह से अपनी आंख
माना ये कहना अभी शायद सही है नहीं,पर कितनी प्यारी सी तू लगती है,गुस्से में भी तुझको पता है ना,मैं सब कुछ जाऊँगा वो कर ,तेरी खुशी के लिए, तू मुझसे जो कह दे अगरदीवाना तेरा, तड़प है रहा इतनी गुमसुम है क्
अश्विन खामोश आंखो से उसे देखता है! और फिर शरारत से – और कुछ कहना है या चले? ," वह मुस्कुरा कर उसे देखते हुए बोला ,,,,,, वैसे अनाया ...... वह थोड़ा खींच कर बोला..... मुझे नहीं लगा था की तुम इतनी ज
निधी को तो जैसे यकीन ही नहीं हो रहा था की वह अभी अभी जो सुनी क्या वह सच ही था? या कोई सपना? क्या अनय की मां एक बार मे ही उसकी बात मान ली? बीना उसे कुछ सुनाएं ? ये तो एक चमत्कार से कम नहीं लग रहा था उस
अनु कल घर में गणपति स्थापना दिवस पर विशेष पूजा है तो मेरे पास तो तेरे सिवा मेरा कोई अपना है नहीं तो मेरे तरफ़ से तू यहां पूजा में आएगी ?? हां मेरी जान बिल्कुल तू अपना एड्रेस सेंड कर देना हम सुबह
अनाया अब भी कुछ नहीं बोली बस चुप चाप इधर उधर देख रही थी और वहां से निकल कर कहीं भाग जाना चाहती थी ।अनाया........बोलोगी मैं कुछ पूछ रहा हूं?," काफी देर से उसे चुप देखने के बाद वह फिर से बोला! और उसकी आ
अनाया को उसका बिहेवियर बिल्कुल समझ ही नहीं आ रहा था। अश्विन का बर्ताव एकदम अनएक्सेप्टेड था। वह अपने मन में कहती है –," क्या? हमारे कानों ने जो अभी सुना वह सही सुना हैसबैंड वॉट, और यह विराट को क्या हो
मुझे क्या घूर रही हो ? खुद को पता है नहीं की क्या चाहती है और मुझे बोलती है कि मैं रायता फैलाता हूं! पागल कहीं की, जाओ पहले खुद पता करो। फिर ख़ुद को बताना की क्यों बोला उन्होंने ऐसा, कन्फ्यूजिंग लड़की
ह हम कैसे पता करेंगे ? ," बोल कर अनाया विराट को घूरने लगी"आते होंगे बच्चा। आपके हैंडछम डैडी तब तक आप जल्दी से रेडी हो जाइए फिर हम आपको आपके हैंडछम डैडी के पास ले चलते हैं। ," नीधि उसे समझाते हुए वॉशरू
शालिनी जी, हां बेटा क्यूं नहीं जा सकती तुम विराट के साथ? उसके साथ जानें मे भला तूझे क्या प्रॉब्लम है?,"शालिनी जी आश्चर्य से बोली"आगे.........................मम्मा बस ऐसे ही हमें इसके साथ नहीं जाना। यह
आप भी ना आपको हर बात में बस मजाक ही सूझता रहता है ! जाइए हमें आपसे कोई बात ही नहीं करनी," शालिनी जी चिढ़ते हुए बोली और उठ कर किचन की ओर बढ गई!"आगे............................इधर निधि ने , समय से सारी
नीधि पलके झुकाएं असहज से खड़ी थी। उसकी जरा भी हिम्मत नहीं थी की वो एक नज़र उठा कर सबकी ओर देख ले और हक से बोले की यह बेटी उसकी है । बेचारी चुप चाप सहमी सी खड़ी थी!आगे......................बोलो आराधना
छोटी मैम साहब वो बाहर कोई लड़की आई है। वो बोल रही है निधि भाभी की दोस्त हैं। ," आरती के बीच में ही एक स्टाफ आकर बोला !!<div><br></div><div>कौन है?," आराधना जी मुड़ कर निधि की ओर देख कर बोली"</div><div
उसके इस तरह के व्यवहार से घर के सभी सदस्य हैरान थे। रीना जी और अधिराज जी का तो मुंह खुला का खुला रह गया और निधी तो आंखे फाड़े अश्विन को देख रही थी। और अनय.. अनय को पता नहीं क्यों अछा नहीं लगा अश्विन क
आराधना जी, नाश्ता लगवाने लगी अधीराज जी और रीना जी तो अभी भी अश्विन की हरकतों पर मुस्कुरा रहे थे मन ही मन में!बड़े पापा आप मुस्कुरा क्यूं रहे हैं?," अनय उनके बगल में बैठते हुए बोला!"आगे….............कु
किस लिए?," अश्विन बिना उसकी ओर देखे बोला और गाड़ी चलाता रहा!"वो वो आपके घर मतलब आपके घर आने के लिए आप इसी बात से नाराज़ हैं ना हमसे?," अनाया उसकी ओर देख कर अटकते हुए बहुत मुश्किल से बोली!आगे..........
अश्विन चले की यहीं बैठें रहने का इरादा है?," अश्विन कार से बाहर निकल कर उसके साइड का आकर बोला!जी.... ," अनाया हड़बड़ा कर अपनी आंखे खोल कर देखती है और जल्दी से बाहर निकल कर आगे बढ़ गई!अरे मैडम यह तो ले
पर नहीं अब तूझे तेरे गुनाहों की सजा तूझे मिल के रहेगी ... तुझे तो ऐसी सजा देंगे की तेरी सात पुस्ते याद करेगी.... वेट एंड वॉच......बोल कर वह एक दर्द भरी मुस्कान के साथ रेणुका की ओर देखती है ।&nbs
हम्म ..... बोल कर वह कॉफी का दुसरा शिप लेता है तो उसे थोड़ा अच्छा लगता है और वह एकाएक अपनी आंखे मूंद कर एक गहरी सी सांस लेते हुए अपनी आंखे खोला और कॉफी फिरसे पीने लगा!कैसी बनी है कॉफी?," निधि उसके पास
उससे कहीं ज्यादा अच्छी लड़की मिलती उसको ना भी अच्छी मिलती तो भी चलता, कमसे कम एक बच्ची की मां तो ना मिलती। मै उससे समझाती उसे मनाती ताकी जो गलती उसके बाप ने की थी वो गलती वो ना करे ," मांजी गुस्से से
नहीं ! कभी नहीं ! ये तो कभी नहीं हो सकता । मैं उस एक बच्चे की मां को अपने इस घर की बहू कभी स्वीकार नहीं करूंगी। बोल कर मांजी उठ कर जा कर बेड पर लेट गई!तभी कुछ गिरने की आवाज़ आती है..... आगे
जो कर देती है हर बार, बार बार हमको दीवाना.. देख कर तेरे इस मासूम से चेहरे को मैं हर बार हो जाता हूं पागल सा,,,, हार बैठता हूं हर बार, बार बार यह दिल अपना,,,,,अपनी इस चेहरे की मासूमियत थोड़ी सी कम कर द
पर तुम टेंशन मत लो अब मैं उससे दूर रहूंगा बहुत दूर। मैं तुमको धोखा नहीं दूंगा निधि, मैं तुमको सामने से सायद कभी नहीं बता पाता बताने की कई बार कोशिश किया पर तुम्हारी खुशी देख कर नहीं बोल पाया, साय
अनाया कुछ नहीं बोली बस चुप चाप पलके झुकाएं खडी रही। उसकी आंखें भर आई थी । अश्विन की बातें सुन के !आगे.....................अनाया पलकें झुकाएं अपने मन में कहती है – क्यों आप क्यों ऐसे हैं ? क्यों आप हमे
अनय का नाम सुनते ही निधि को पता नहीं क्यों उसके सीने में एक अजीब सी चुभन महसूस होने लगती है....आगे.......................क्या हुआ निधि ? अनय ठीक है... ? उसकी तबियत तो ठीक है ना ? उसका सर कैसा है अब ।
अरे क्यूं नहीं पड़ेगा पत्नी है वो मेरी तो फर्क तो पड़ेगा ही क्यों नहीं पड़ेगा ..? पर मैं तो नीधि से प्यार नहीं करता ना .? "अनय ख़ुद से बड़बड़ाते हुए कार ड्राइव कर रहा था "आगे.........................म
कोई बात नहीं अनु ! चल देखते हैं कौन आया है.. वो भी खुद चल कर तुझसे पंगा लेने....आगे............................वह अपने आपसे कहते हुए .... सधे कदमों से चलकर आती है और दरवाज़े से दूर कुछ कदमों के
अनु चुप एकदम चुप बोला ना मैंने मेरे रहते वो हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते तुम्हें एक बार में समझ नहीं आती क्या मेरी बात ?.......," अश्विन इस बार बहुत गुस्से में तेज़ आवाज़ में अनाया का चेहरा ऊपर उठा कर उ
ओह फिर किसके लिए फ्री हो ? उस निहाल के लिए हां भाई उसके लिए तो तुम फ्री ही होगी वो बेस्ट फ्रेंड जो है तुम्हारा। मैं भला कौन हूं ? जो तुम मेरे लिए फ्री रहोगी है ना ? फ्री तो तुम उसके लिए रहेगी ना ?," अ
हम्म्म ! बोल कर अश्विन ने अनाया को छोड़ दिया! और उसकी ओर देखते हुए कहा – जाओ खाना लेकर आओ मुझे और खाना है। मुझे अभी और भूख लगी है जाओ लेकर आओ.....आगे................सर हमें भूख नहीं है सच में, ये लीजि