10 जनवरी 2022
शीर्षक-मेरी शान तिरंगा है पिता कौन क्यों है लेटा ?ओढ़े कफ़न तिरंगा,कंधों पर ले चार खड़े हैंआंख से बहती गंगा,बेटा बुला रहा है उनकोकरुणा से रो रोकर,गिरी धरा पर मां शिथिलसिंदूर अश्रु से धोकर,आ
30 दिसम्बर 2021
शीर्षक-नव वर्ष का सवेरानये साल का आया पावन सवेरापावन
25 दिसम्बर 2021
भटक रही थी बूढ़ी महिलातम तमाती धूप में |अधमरी सी झुकी खड़ी थी,
15 दिसम्बर 2021
नयी नवेली खिली गुलाब सी, &nbs
7 दिसम्बर 2021
सहसा एक दिन नजर पड़ा छत के एक घोंसले परलगा सोचने बड़े देर तक
6 दिसम्बर 2021
शीर्षक-विद्यार्थी की ब्यथाखेल खेल में शिक्षा हो परशिक्षा क
नर नारी में भेद रहा है कि नर से भारी नारी
4 दिसम्बर 2021
कविता-गुलाब और कांटेकांटों में पला बढ़ा जीवनसंग पत्ते बीच
गिल्ली डंडा बाघा बीता छुक छुक इंजन वाला खेल,&n
शीर्षक- बढ़ते कदम मुसाफिर! तान
शीर्षक- दु,:ख की बदली रात भयान
3 दिसम्बर 2021
शीर्षक- उड़ते बादल खींच खी