छंद – मनोरम (मापनीयुक्त ) मापनी - २१२२ २१२२“गीतिका” हम नहीं तो तुम नहीं हो तुम नहीं तो हम कहीं हों क्या फरक पड़ता बतानाहम हमी हैं तुम तुम्ही हो॥ दिल लगाकर देख लेना दिल किसी का तुम वही हो॥हम हमारे तुम तुम्हारेजब किनारे बत कही हो॥लौट आती हैं बहारें हर दिशाएँ जब सही हो॥ तुम हमेशा तम तमाशाक्या दिलाशा जम