💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
1.
देखो बुजुर्गों की जायदाद से आज हम बेदखल
हो गए हैं |
ऐसे लगे जैसै हमारे ही घर में हम अपनों से कतल
हो गए हैं ||
🌹
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
2.
समझा दो कोई उसको खुल कर ना बोले
इतना यहाँ।
इस शहर में पाबंदियाँ बड़ी है इज़हार-ए-इश्क-
ए-उल्फ़त में।।
🌹
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐