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9 फरवरी 2024

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कोई तुमसे पूछे

कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं, तुम कह देना कोई ख़ास नहीं,
एक दोस्त है पक्का कच्चा सा, एक झूठ है आधा सच्चा सा,
ज़ज़्बात से ढका एक पदाॅ है , एक बहाना कोई अच्छा सा,

जीवन का ऐसा साथी है जो, पास होकर भी पास नहीं,
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं, तुम कह देना कोई ख़ास नहीं।

एक साथी जो अनकही सी, कुछ बातें कह जाता है,
यादों में जिसका धुंधला सा, एक चेहरा ही रह जाता है,

यूँ तो उसके ना होने का, मुझको कोई गम नहीं,
पर कभी कभी वो आँखों से, आंसू बनके बह जाता है,

यूँ रहता तो मेरे ज़हन में है, पर नजरों को उसकी तलाश नहीं,
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं, तुम कह देना कोई ख़ास नहीं।

साथ बनकर जो रहता है, वो दर्द बांटता जाता है,
भूलना तो चाहूँ उसको पर, वो याद्ों में छा जाता है,

अकेला महसूस करू कभी जो, सपनों में आ जाता है
मैं साथ खड़ा हूँ सदा तुम्हाे, कहकर साहस दे जाता है,

ऐसे ही रहता है मेरे साथ कि, उसकी मौजूदगी का आभास नहीं,
कोई तुझसे पूछे कौन हूँ मैं, तुम कह देना कोई ख़ास नहीं।


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