मीडिया पर भरोसा क्यों उठता जा रहा है?मीडिया देश में क्या गुल खिला रहा है।देश का चौथा स्तंभ जनता का बातें रखने का माध्यम।निष्पक्ष क्यों नहीं हो रहा स्थिति को देखकर कांप रहे कदम।क्या मीडिया भी तानाशाही
I. N. D. I . अलायंस का पत्रकारों पर लगा प्रतिबन्ध सोचने पर मजबूर करता है । कुछ पत्रकारों पर प्रतिबन्ध लगाना कहाँ से उचित है । देश विरोधी पत्रकारों का विरोध भी तो करना चाहिए। अगर कुछ भारत क
हाल के दिनों में, भारत ने अपने मीडिया परिदृश्य में एक विवादास्पद विकास देखा है - 28-पार्टी विपक्षी गठबंधन, जिसे इंडिया के नाम से जाना जाता है, द्वारा बहिष्कार के लिए 14 टेलीविजन एंकरों की सूची तैयार क
मीडिया समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन कई बार यह मीडिया भयंकर और दुर्भावनाकारी दिखता है। बहिष्कार का अर्थ है किसी चीज़ को ठुकराना या नकारना, और मीडिया का बहिष्कार तब होता है जब वह न्याय
भारत में प्रमुख विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ ने अलग-अलग न्यूज़ चैलनों के ऐसे 14 एंकरों की सूची भी जारी की गई है, जिनके बहिष्कार का फ़ैसला लिया गया है | देश म यह ऐसा पहला मौक़ा है जिसमें किसी राज
I N D I गठबंधन की ओर से, आवाज़ उठाते हैं हम, मीडिया के दुरुपयोग का, करते हैं बहिष्कार काम। सच्चाई की पर्दाफाश, उनके प्रति है हमारी करतृत्व, मीडिया के खिलवाड़ से, हम लड़ते हैं साहस से। आपत्तिजन
समाचार की गोलियों से, हमारे दिलों को लगता घाव, सत्य का बोझ उठाकर, मीडिया बन गया बहिष्कार। कविता की आवाज़ से, हम ढूंढ़ते हैं सच को, मन में जागरूकता फैलाकर, सीखते हैं उसका मोक्ष को। मीडिया के दुरुपय