“गज़ल”आइए जी आज से हम दिल लगाना सीख लें जाइए मत छोड़कर हँस मुस्कुराना सीख लेंखो गए वो पल पुराने जो हमारे पास थे पेड़ पीपल और बरगद तर छहाना सीख लें ॥ हर गली कब छाँव जाती धूप कितने पल रहा रात कैसी भी कटी हो दिन बिताना सीख लें ॥ खो गया क्या आप का कोई खजाना कीमती बैठिए जी साथ मे