shabd-logo

आज भी सीता हैं ........धरती पर

21 नवम्बर 2021

35 बार देखा गया 35
आज   भी    सीता    हैं.......धरती     पर  
जो     देती    हैं.........अग्नि     परीक्षा

       एक    बार    नहीं.....वो    तो    ताउम्र   देती हैं...
       अग्नि    परीक्षा
        वो     धरती    में     नहीं    समाती
         ना    ही     करती    हैं.......वो     आत्मदाह

वो    तो     करती    हैं    मुकाबला
जीवन    के    संघर्ष     का

       अकेले     ही    झुलसती   हैं....अंगारों    से
       तब     भी     वो     मुस्कुराती     हैं

अंगारों     से   तपकर    अग्नि   से    निकलना
वो    तो     बनती     हैं....तपा       खरा    सोना

       सीता    ने     तो    काटा    १४   वर्ष    वनवास
       आज    की  सीता   तो  काटती है..ताउम्र वनवास

आज   ना  राम  उसके  साथ  ,  ना     लक्ष्मण
बस    है....तो   केवल  उसका मनोबल और  आत्मविश्वास

        आज   रक्षक  नहीं  उसके   आस   पास
        मंडराते    हैं.... भक्षक   उसके आस पास

सभी    से   वो   अपनी   अस्मिता  को  बचाती है

      आज   भी    सीता   हैं....धरती  पर
      जो    देती    हैं.... अग्नि   परीक्षा

           एक    बार    नहीं....वो    तो    ताउम्र देती है
           . अग्नि   परीक्षा
                     एक    बार    नहीं....वो  तो  ताउम्र  देती
                        हैं.....अग्नि  परीक्षा

स्वरचित मौलिक रचना...अनीता अरोड़ा





अनीता अरोड़ा की अन्य किताबें

काव्या सोनी

काव्या सोनी

Behtreen likha aapne 👌👌

21 नवम्बर 2021

1

💐 हाथों की लकीरें 💐

14 नवम्बर 2021
1
1
1

<p>हाथों की लकीरें..... पढ़ी बहुत मगर</p> <p>कर्मों

2

बच्चे मन के सच्चे

15 नवम्बर 2021
3
1
0

<div>बच्चे मन के सच्चे</div><div>लेकिन&nbs

3

इंतज़ार और उम्मीद

16 नवम्बर 2021
1
1
1

<div>इंतज़ार और उम्मीद</div><div><br></div><div>

4

इन आंसुओं को पलकों में ही रहने दो

16 नवम्बर 2021
2
1
1

<div>इन आंसुओं को पलको में ही रहने दो</div><div>इन आंसुओं&

5

मैंने जीना सीख लिया है ।

17 नवम्बर 2021
1
1
1

<div><b>हाँ ..…मैंने जीना सीख लिया है</b></div><div><b>ज़िन्दगी &

6

मौसम

18 नवम्बर 2021
0
0
0

<div>मौसम बहुत खुशगवार था</div><div><br></div><div>आपका &

7

चार दिन की ज़िंदगी

19 नवम्बर 2021
1
0
0

<div> </div><div> माना चार दिन की

8

खुशियाँ

20 नवम्बर 2021
2
2
1

<div><i> </i></div><div><i><br></i></div><div><i> बालियाँ &nbsp

9

भाईदूज

20 नवम्बर 2021
2
2
1

<div> </div><div> हम तीन बहनें ।

10

रामलीला

21 नवम्बर 2021
2
1
0

<div><i> </i></div><div><i><br></i></div><div><i> मेरे घर के&nbs

11

आज भी सीता हैं ........धरती पर

21 नवम्बर 2021
2
2
1

<div><i>आज भी सीता हैं.......धरती पर &

12

मीठी यादें

22 नवम्बर 2021
2
2
1

<div><br></div><div> </div><div>मेरे घर के सामने ही एक बहुत

13

सिसकियाँ

27 नवम्बर 2021
0
0
0

<div>सिस्कियों को ऐसे ही सिसकने दो , </div><div>इनका

14

कचरा बीनने वाली लड़कियाँ

28 नवम्बर 2021
2
2
1

<div><i><br></i></div><div><i><br></i></div><div><i>किस पाप का फल भोगती ये लड़कियाँ</i></

15

लाखों दर्द सहकर

28 नवम्बर 2021
1
1
0

<div><br></div><div><br></div><div>लाखों दर्द सहकर एक कविता&nbsp

16

दहेज़

28 नवम्बर 2021
7
3
2

<div><br></div><div>लाड़ली बेचकर सौदागरों के हाथों ,</div><div>बड़ी&nbsp

17

जितने बीज बोयेंगे

28 नवम्बर 2021
3
2
1

<div>जितने बीज बोयेंगे ज्यादा</div><div>उतने ही &n

18

जितना अभाव होगा जीवन में

30 नवम्बर 2021
0
0
0

<div><br></div><div><br></div><div>जितना अभाव होगा... जीवन में</div><div>उतन

19

और मैं बुझती गई

30 नवम्बर 2021
1
1
1

<div><br></div><div>वो आग बनकर मेरे दिल को जलाते रहे

20

जब वक्त आए कुछ ऐसा

5 दिसम्बर 2021
0
0
0

<div><br></div><div>जब वक्त आए कुछ ऐसा ,</div

21

जब वक्त आए कुछ ऐसा

5 दिसम्बर 2021
3
1
3

<div><br></div><div>जब वक्त आए कुछ ऐसा ,</div

22

जब वाक्युद्ध हो रहा था

6 दिसम्बर 2021
3
2
0

<div><br></div><div> </div><div>जब वाक्युद्ध हो रहा था ,</d

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए