shabd-logo

भाईदूज

20 नवम्बर 2021

24 बार देखा गया 24
  
   हम    तीन   बहनें  ।     अपने   माता  पिता   की
तीन    बेटियाँ  ...कोई    बेटा   नहीं  ।    माता  पिता
के   द्वारा   कभी   भी   मन मे   बेटे   बेटियों को लेकर
कभी    मतभेद   नहीं   हुआ  ।    सदैव   हम    बहनों
को    बेटों    से    बढ़कर    माना   और   अपना स्नेह
उड़ेला   हमारे   ऊपर   ।

          हम    तीनों   को   ही    उच्च   शिक्षा   दिलवाई।
हमारी    इच्छाओं    को   सदैव    सर्वोपरि    रखा ।
हमने   भी    अपने   माता   पिता  को   बेटे   की कमी
का एहसास  नहीं   होने   दिया  ।   जितना   भी   बन 
पड़ा  .. अपना   सहयोग   उनको   दिया ।   हर   मुसीबत   में   ढाल    बनकर   खड़े   रहे  ।

         भाईदूज   के   दिन   हम   लोग   स्नानादि  से
निवृत्त    होकर  अपने   पापाजी  को   माथे  पर  टीका
लगाते   और   फिर   उनका  मिठाई  से  उनका  मीठा
मुँह   कराते ।    उसके   बाद  वो  हमें  पैसे  देते ।
थोड़ा   बहुत   ना ..नुकुर  करने  के बाद  रख  लेते ।
   
        जब  छोटे   थे    तो   दुःख   लगता था  आस ..पड़ोस   के   भाई   बहनों  को  देखकर  ।   जैसे जैसे
बड़े   होते   गए  वैसे  वैसे   सत्य  को  स्वीकारना  भी
आ गया  ।   मन   में   कोई  भी   मलाल  नहीं   कि  हमारा   कोई  भाई   नहीं  ।

      मेरे   पिताजी   की   पेंट  की  फैक्ट्री  थी ।  उसके
लिए   जब   बाहर   से   रॉ मटीरियल  आता  तो  उसके लिए   बिल्टी   छुड़ानी पड़ती थी  पोस्ट  आफिस से ।
मैंने    वो   सब   काम सीखे  जो  उनके काम मे आते थे
और मैंने   किये  ,.. गर्मियों  की कड़ी धूप में जा जाकर
ये उन दिनों  की बात है...जब  मेरा विवाह नही हुआ था.. मैं  पढ़ाई कर रही थी ।  बैंक  के सारे काम सीखे ।
बस  इतना  खुद को सक्षम  बना लिया कि मेरे पिताजी
 को  बेटे  की कमी  कभी भी  महसूस न हो ।
    
      हर   व्यक्ति  के  पास  सब  कुछ  नहीं  होता ।  ज़िन्दगी   से   यह सीख लिया  था  कोई न कोई कमी
हर  व्यक्ति  के जीवन मे होती है ।  उसके  लिए कभी
भी   कोई  मन  में  मलाल  न   लाएं  और  न ही  ईश्वर
को   कोसें  ।

       बस   उसी   काम   को   अपनी   ताकत  बनाएं ।
 
            क्योंकि    जीवन   ज़िंदादिली    का   ही....
दूसरा     नाम   है...😊😊

स्वरचित मौलिक रचना.. अनीता अरोड़ा



   

अनीता अरोड़ा की अन्य किताबें

20 नवम्बर 2021

1

💐 हाथों की लकीरें 💐

14 नवम्बर 2021
1
1
1

<p>हाथों की लकीरें..... पढ़ी बहुत मगर</p> <p>कर्मों

2

बच्चे मन के सच्चे

15 नवम्बर 2021
3
1
0

<div>बच्चे मन के सच्चे</div><div>लेकिन&nbs

3

इंतज़ार और उम्मीद

16 नवम्बर 2021
1
1
1

<div>इंतज़ार और उम्मीद</div><div><br></div><div>

4

इन आंसुओं को पलकों में ही रहने दो

16 नवम्बर 2021
2
1
1

<div>इन आंसुओं को पलको में ही रहने दो</div><div>इन आंसुओं&

5

मैंने जीना सीख लिया है ।

17 नवम्बर 2021
1
1
1

<div><b>हाँ ..…मैंने जीना सीख लिया है</b></div><div><b>ज़िन्दगी &

6

मौसम

18 नवम्बर 2021
0
0
0

<div>मौसम बहुत खुशगवार था</div><div><br></div><div>आपका &

7

चार दिन की ज़िंदगी

19 नवम्बर 2021
1
0
0

<div> </div><div> माना चार दिन की

8

खुशियाँ

20 नवम्बर 2021
2
2
1

<div><i> </i></div><div><i><br></i></div><div><i> बालियाँ &nbsp

9

भाईदूज

20 नवम्बर 2021
2
2
1

<div> </div><div> हम तीन बहनें ।

10

रामलीला

21 नवम्बर 2021
2
1
0

<div><i> </i></div><div><i><br></i></div><div><i> मेरे घर के&nbs

11

आज भी सीता हैं ........धरती पर

21 नवम्बर 2021
2
2
1

<div><i>आज भी सीता हैं.......धरती पर &

12

मीठी यादें

22 नवम्बर 2021
2
2
1

<div><br></div><div> </div><div>मेरे घर के सामने ही एक बहुत

13

सिसकियाँ

27 नवम्बर 2021
0
0
0

<div>सिस्कियों को ऐसे ही सिसकने दो , </div><div>इनका

14

कचरा बीनने वाली लड़कियाँ

28 नवम्बर 2021
2
2
1

<div><i><br></i></div><div><i><br></i></div><div><i>किस पाप का फल भोगती ये लड़कियाँ</i></

15

लाखों दर्द सहकर

28 नवम्बर 2021
1
1
0

<div><br></div><div><br></div><div>लाखों दर्द सहकर एक कविता&nbsp

16

दहेज़

28 नवम्बर 2021
7
3
2

<div><br></div><div>लाड़ली बेचकर सौदागरों के हाथों ,</div><div>बड़ी&nbsp

17

जितने बीज बोयेंगे

28 नवम्बर 2021
3
2
1

<div>जितने बीज बोयेंगे ज्यादा</div><div>उतने ही &n

18

जितना अभाव होगा जीवन में

30 नवम्बर 2021
0
0
0

<div><br></div><div><br></div><div>जितना अभाव होगा... जीवन में</div><div>उतन

19

और मैं बुझती गई

30 नवम्बर 2021
1
1
1

<div><br></div><div>वो आग बनकर मेरे दिल को जलाते रहे

20

जब वक्त आए कुछ ऐसा

5 दिसम्बर 2021
0
0
0

<div><br></div><div>जब वक्त आए कुछ ऐसा ,</div

21

जब वक्त आए कुछ ऐसा

5 दिसम्बर 2021
3
1
3

<div><br></div><div>जब वक्त आए कुछ ऐसा ,</div

22

जब वाक्युद्ध हो रहा था

6 दिसम्बर 2021
3
2
0

<div><br></div><div> </div><div>जब वाक्युद्ध हो रहा था ,</d

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए