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कचरा बीनने वाली लड़कियाँ

28 नवम्बर 2021

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किस पाप का फल भोगती   ये लड़कियाँ
अति   कष्टपूर्ण  ,  अति  संघर्षपूर्ण   , अति  दयनीय
जीवन   जीती
आह  !!!    कचरा   बीननेवाली   लड़कियाँ
आह!!!  कचरा   बीनने   वाली    लडकियाँ

       जिनके   न  माँ   का    पता
        न      बाप    का    पता 
        बस   है   केवल    अकेली   जान

इनका   तो    बस   सुबह   शाम   एक ही  काम
गंदगी     के   ढ़ेर    में   से   पॉलीथिन  ,  प्लास्टिक  के
डिब्बे    ढूंढना

       जहॉं    नज़र   पड़े   बस   लपक   कर  दौड़ना
       
                क्या    इनको    कोरोना   नहीं    सताता
                  इनको   क्यों    नहीं  ज़रूरत  सैनिटाइजर 
                       की
                     इनको    तो    मास्क  भी  नहीं लुभाता
क्योंकि   इनके   लिये   तो   केवल   दो   रोटी का सवाल    है
इसका    तो    समाज   के   पास   भी नहीं जवाब   है

      फटेहाल    जगह  जगह   झरोखों  से   यौवन  को
            अर्धनग्न    शरीर   को  दर्शाते
समाज का    असली   चेहरा   दर्शाते,  मुँह    चिढ़ाते

   जीवन   की    परिभाषा   इनके लिए  नहीं बनी
 क्योंकि    इनकी   नहीं है  कोई छवि

       गंदगी    की   कालिख  से लिपे  पुते चेहरे  को
चेहरे   भविष्य  के   अंधेरे   में   मुँह    छिपाते है
      कल    की  चिंता नहीं , केवल   आज  को  दर्शाते

कुछ   वहशियों   का  शिकार  होती  बस  मुँह   को
 बंद   कर   सच  को   छुपाती 
अपने   अंदर   एक   घुटन भरी  जिंदगी   जीती

     आह  !!!!   कचरा  बीनने  वाली  लड़कियां
      आह  !!!!    कचरा बीनने  वाली  लड़कियां

स्वरचित मौलिक रचना.. अनीता   अरोड़ा

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