अक्सर हम किसी भी काम को करने के लिए जब सोचते है, और बात आती है उसमें सफलता य असफलता की, तो हम डर जाते है, और हमारे अंदर का संकल्प कमजोर होने लगता है, ऐसे में जब हम अपने काम को शुरू करे य न करें इस विचार से लड़ते है और अपना पहला कदम अपने काम के।लिए बढ़ाते हैं तो बन जाते है एक योद्धा।आप भी एक योद्धा है,कैसे? तो जानिए इस किताब से।