मेरी सेज हाजिर है
पर जूते और कमीज की तरह
तू अपना बदन भी उतार दे
उधर मूढ़े पर रख दे
कोई खास बात नहीं
बस अपने अपने देश का रिवाज है
1 अगस्त 2022
मेरी सेज हाजिर है
पर जूते और कमीज की तरह
तू अपना बदन भी उतार दे
उधर मूढ़े पर रख दे
कोई खास बात नहीं
बस अपने अपने देश का रिवाज है
6 फ़ॉलोअर्स
अमृता प्रीतम का जन्म 31 अक्टूबर 1919 को गुंजनवाला, पंजाब, पाकिस्तान में हुआ था। उनका बचपन लाहौर में बीता। जब वे 11 साल की थी तो उनके माता का निधन हो गया। इसलिए घर की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। 16 साल की उम्र में इनका पहला संकलन प्रकाशित हुआ। 1947 में विभाजन के दौरान उन्होंने विभाजन का दर्द सहा था और इसे बहुत करीब से महसूस किया था। इनकी कई कहानियों में आप इस दर्द को महसूस कर सकते हैं। विभाजन के बाद उनका परिवार दिल्ली में आकर बस गया। 16 साल की उम्र में इनका विवाह एक संपादक के साथ हुआ। यह रिश्ता उनके माता-पिता की इच्छा से तय किया गया था। लेकिन 1960 में इनका वैवाहिक जीवन तलाक के साथ टूट गया। अमृता प्रीतम की शुरुआती शिक्षा लाहौर से हुई थी। उन्होंने किशोरावस्था से ही कविता, कहानी और निबंध लिखने शुरू कर दिए थे। उनके 50 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। उनके कई महत्वपूर्ण रचनाएं देशी और विदेशी भाषाओं में उनका अनुवाद हो चुका है।D