कम उम्र में ही मां के चले जाने के कारण इन्हें जिम्मेदारियों को ना चाहते हुए भी उठाना पड़ा जिम्मेदारियों का भार और अकेलेपन के कारण इन्होंने कम उम्रमें ही लिखना शुरु कर दिया। इनकी कविताओं का पहला संकलन “अमृत लेहरन (अमर लहरें)” सन् 1936 में प्रकाशित हुई।
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