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जब उदास मन हो।

30 मई 2022

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जब मन उदासं  हो सब भले ही पास हो ,
अच्छा नही लगता,,मुझे अच्छा नही लगता।

देखता हू मै ,मन के जिस कोने मे,
दिया है जो घाव,दिल को बींध कौने मे,
छेडे उसे कोई, भले ही सहलाने  को,
सच बताऊ मै ,मुझे सच्चा नही लगता
जब मन हो उदास,,
  कुछ  भी अच्छा नही लगता,,,

टीस जो है सीने मे,
मनमीत नही जब जीवन मे ,तब,
करती है उदास ,हर उम्मीद  और हर आस,
थका देती है सब प्यास, सच मै बताऊ,
उस वक्त मुझे ,कुछ भी  पता नही लगता,
जब मन होता उदास, तब अच्छा नही लगता।
कुछ  भी अच्छा नही लगता।

साथी जब कोई  बिछुडता,
यादो के समंदर से छूटता
भरा हो सागर  रत्नो से ,
तब भी भला नही लगता
जब मन हो उदास ,
तब दी कोई  भी आस ,
कुछ अच्छा नही लगता,
कुछ भी अच्छा नही लगता,

जीवन मे  सब कुछ,  पा लो ,
पर बिछुडन  का एहसास,
जो देता है न घाव,
वो  सच्चा नही लगता,
उदास होता तब मन ,फिर,
कुछ  भी अच्छा नही लगता।
मै क्या करू बताओ,,
कुछ  भी अच्छा नही लगता।(2)

याद है वो हॅसी,
जो गूंजती  थी, हर कही,
अब तुम रही नही मधु,जब
मेरी बहन मेरी प्यारी,
जीवन थम गया है ,
घर का हर शख्स ,
सब गम कर गया है,

तुझे क्या बताऊ व कैसे,
बता खुद  को समझाऊ,
मन जीवन से भर गया है,
मर गए  है हम सब वैसे,
पर जिंदा जाने है कैसे,
इस सब मे ठहर गए है,
और देखो न कैसे हम बिखर गए है ,
तेरे बगैर सब का सब ,
कुछ  भी सरस नही लगता,
तुझे क्या बताऊ मै ,मेरी बहन,,
रब भी क्यू  हम पर,
है  तरस  नही करता
तेरे बगैर  हमको ,,
कुछ  सरस नही लगता।
मन है बहुत उदास
तेरे बिन  कोई  भी श्वास
कुछ अच्छा  नही लगता,
क्या बताऊ तुम बिन ,
कुछ  भी अच्छा नही लगता।

मन हो चुका है उदास,
अब अच्छा नही लगता ,
कुछ भी  कह लो तुम खास,
मधु तेरे बगैर,
मन कही भी नही लगता,
ऑसुऑ का सैलाब  ,
रहता झरझर बहता,
तेरे बगैर  कुछ  भी ,
कुछ भी अच्छा नही लगता
कुछ भी अच्छा नही लगता (3)
######@#######
A tribute to my beloved sister ,
Who passes away  last year,on May  29,and create a big vacuum  in our lives.
May she rest in  piece 🙏 😢
"May God if anywhere is there  pleased her in all the  ways.  N In all the aspects."
Aameen.
Sandeep Sharma Sandeepddn71@gmail.com 🙏


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