अडॉप्ट करें वह आदतें जो बचाएगी आपको 95 प्रतिशत बीमारियों से
आज हम आपसे शेयर करेंगे कुछ ऐसे टिप्स जिससे आप शरीर में होने वाली 95 प्रतिशत बीमारियों से खुद को दूर रख सकेंगे।
दोस्तों क्या आपको पता है कि हमारे शरीर में 95% बीमारियां का मुख्य कारण क्या है।
जैसे की डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कैंसर, रक्त से संबंधित बीमारियां, डाइजेस्टिव सिस्टम से संबंधित बीमारियां, स्किन से संबंधित बीमारियां, गैस्ट्रिक, हार्ट से संबंधित बीमारियां क्या आप जानते हैं इन सभी बीमारियों का मुख्य जड़ क्या है। आइए हम आज इस विषय पर विस्तृत रूप से चर्चा करते हैं।
दोस्तों आज के समय में हम देख सकते हैं कि लोगों का खान-पान कितना बदल चुका है। लोग स्वास्थ्य के लिए नहीं बल्कि स्वाद के लिए खाने लगे हैं। और स्वाद के चक्कर में वह इस बात का जरा भी ख्याल नहीं रखते कि वह किस प्रकार के खाद्य पदार्थों को अपने शरीर के भीतर जाने दे रहे हैं। जो कि हमारे शरीर के लिए अत्यंत ही हानिकारक होते हैं।
जैसे कि बर्गर, पिज्जा, कोल्ड ड्रिंक, शराब, सिगरेट के धुए, गुटखा, पैकेज्ड फूड, मांस, केमिकल्स इत्यादि विभिन्न प्रकार की चीजें जो हमारे शरीर के लिए नुकसान दायक है लोग धड़ल्ले से इन सभी खाद्य पदार्थों का सेवन कर रहे हैं। और खुद विभिन्न तरह के बीमारियों को आमंत्रित कर रहे हैं।
बीमारियां होने के बाद उन बीमारियों को ठीक करने के लिए महंगे से महंगे मेडिकेशन या ऑपरेशन, हॉस्पिटलाइजेशन इत्यादि रास्तों को अपना रहें हैं।
पर ऐसे रास्ते भी उपलब्ध हैं। जिससे की हम अपने शरीर को स्वस्थ, निरोगी रख सकें आज हम इस वीडियो में उन टिप्स पर ही चर्चा कर रहे हैं।
दोस्तों कहा जाता है कि बीमारी को बाद में ठीक करने से अच्छा है कि हम कुछ ऐसे तरीके अपनाएं जिससे की बीमारी हो ही ना।
रहस्मयी जानकारी
दोस्तों हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम में हमारे इंटेस्टाइन में गट लाइनिंग्स होती है। जो एक पतली झिल्ली की तरह होती है। जिसका काम और कुछ नहीं बल्कि वही है। जो चाय की छन्नी का होता है। जिस तरह चाय की छन्नी चायपत्ती को फिल्टर कर चाय को कप में जाने देती है, बिल्कुल उसी तरह हमारे आंतों में मौजूद गट लाइनिंग्स हमारे द्वारा खाई गईं चीजों में से महत्वपूर्ण न्यूट्रिएंट को फिल्टर करके ब्लड में जाने देती हैं। और खाने में मौजूद टॉक्सिंस को फिल्टर करके उसे बाहर का रास्ता दिखाती हैं।
और आजकल तो आप जान ही रहे हैं की किस तरह से खाद्य पदार्थों में जहरीली यूरिया इत्यादि केमिकल का धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है। जो की शरीर के लिए कितना नुकसानदायक है। जिससे प्रोटेक्शन के लिए हमें अपने इंटेस्टाइन की गट लाइनिंग्स अर्थात झिल्ली को मजबूत बनाना जरूरी है। साथ ही गलत खानपान की वजह से हमारी गट झिल्ली को हुवे नुकसान की हीलिंग भी जरूरी होती है।
गट झिल्ली के नुकसान को कैसे ठीक करें ?
तो इस तरह से हमने अब तक जाना की हमारी इंटेस्टाइन में मौजूद गट लाइनिंग हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण होती है। जो एक्चुअल में फिल्टर करने का काम करती है। हम जो भी खाद्य पदार्थों को खाने में लेते हैं। हमारी घट लाइनिंग उन खाद्य पदार्थों में से जरूरी न्यूट्रिएंट्स अब्जॉर्ब करके ब्लड के अंदर उन न्यूट्रिएंट्स को भेजने का कार्य करती है।
पर जब हमारी यही गट लाइनिंग को विभिन्न तरह के नुकसान दायक खाद्य पदार्थों के सेवन से क्षतिग्रस्त हो जाती है। तब खाद्य पदार्थों में मौजूद टॉक्सिंस गट लाइनिंग की उस डैमेज्ड जगह से हमारे ब्लड के अंदर प्रवेश कर जाते हैं। और ब्लड के द्वारा वह पूरे शरीर में हर सेल्स तक पहुंच जाते हैं। वहीं टॉक्सिंस हमारी बॉडी में तरह तरह के डिडीजेस का कारण बनते हैं।
जिससे हमारे शरीर में विभिन्न तरह के रोग घर करने लग जाते हैं। जब उन टॉक्सिंस से हमारे ब्लड में उपस्थित डब्ल्यूबीसी फाइट करते हैं। तो इससे विभिन्न तरह के रिएक्शन हमारी बॉडी में देखने को मिलते हैं। जैसे की तरह-तरह के स्किन डिसीज, एलोपेसिया (गंजापन) यहां तक कि यह टॉक्सिंस हमारे शरीर में कैंसर का कारण भी बनते हैं और आजकल के खाद्य पदार्थों में निहित अत्याधिक तेल जब इन इंटेस्टाइन की इन डैमेज्ड जगहों के द्वारा हमारे ब्लड में प्रवेश करते हैं।
तो वह तैलीय पदार्थ हमारे नसों में जाकर ब्लॉकेज पैदा करते हैं। जिससे हमारा ह्रदय तीव्र गति से पंप करने लग जाता है। और जिससे हाई ब्लड प्रेशर या हार्टअटैक जैसी बीमारियां हो सकती है। वही जब जब यह गट ज्यादा शुगर की मात्रा अब्जॉर्ब करने लगता है। तो यह डायबिटीज की वजह बनता है। वहीं इन टॉक्सिंस की वजह से हड्डियां भी प्रभावित होती हैं। जिससे ज्वाइंट्स पैन इत्यादि होते हैं।
95% बीमारियों से दूर रहने के लिए जरूरी बाते ?
- नियमित रूप से रात को जल्दी सोए और सुबह जल्दी उठे। प्रकृति के बायो क्लॉक के मुताबिक दिनचर्या सेट करें
- प्रतिदिन जितना ज्यादा हो सके उतना ज्यादा पानी का सेवन करें। कम से कम 8 लीटर पानी प्रतिदिन
- नियमित रूप से जिम, योगा करें खासकर प्राणायाम, अनुलोम विलोम
- नियमित रूप से कुनकुने पानी में नींबू निचोड़कर घूंट घूंट कर धीरे धीरे पिएं।
- दिनचर्या में सात्विक वेजिटेरियन डाइट शामिल करें।
अब हम बताते हैं इन सभी अच्छी आदतों से होने वाले फायदों के बारे में विस्तार से
1: नींद
देर से सोना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है, यह हमारे शरीर के सभी सिस्टम्स की क्रिया प्रणाली को प्रभावित करता है। यह बात पित्त कफ इनबैलेंस करता है। इसीलिए प्रकृति ने दिन-रात बनाया है, तो जितना हम प्रकृति से जुड़ेंगे उतना स्वास्थ्य निरोगी रहेंगे इसलिए रात को जल्दी सोए सुबह जल्दी उठे।
2: पानी
उसके बाद अगली गुड हैबिट है जिसे लाइफ स्टाइल में शामिल करनी है वह है। ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन। इससे बॉडी के टॉक्सिंस को पसीने और यूरिन के द्वारा शरीर से बाहर निकालने में हमें मदद मिलेगी
3: योग
इसके बाद एक और अच्छी आदत जो हमे अडॉप्ट करनी है वह है। अनुलोम विलोम, प्राणायाम जिसके माध्यम से शरीर के अंदर फेफड़ों में स्वक्ष शुद्ध हवा जायेगी जो बॉडी को स्वस्थ निरोगी बनाएगी
4: नींबू
इसके बाद अगली गुड हैबिट है। डेली एक ग्लास कुनकुने पानी में नींबू नीचोड़कर उसे घूंट घूंट कर धीरे धीरे पीना है। इससे हमारे गले में जो थायराइड ग्लैंड है वह थायरॉक्सिन नामक हार्मोन रिलीज करती है। जो बॉडी के सारे सिस्टम्स को सुचारू रूप से चलने में मदद करती है। इसके साथ ही नींबू में डिटर्जेंट पावर होती है। वह इंटेस्टाइन में जमी सारी गंदगीयों को निकालने का कार्य करती है।
साथ ही नींबू हमारे स्किन से जुड़ी समस्याओं का भी समाधान करती है। क्योंकि नींबू डिटॉक्सीफायर है। जो टॉक्सिंस को बॉडी से बाहर निकालने में मदद करती। जो भी टॉक्सिंस खाने के साथ जिससे कि हमारी इंटेस्टाइन में चली जाती है।
नींबू उन चीजों को धोकर बाहर निकालने का काम करती है। और जब टॉक्सिंस हमारे बॉडी से निकल जाते हैं। जिससे कि पर टॉक्सिन हमारे ब्लड में नहीं जाते। जिससे की टॉक्सिंस से होने वाले दुष्प्रभावों से बॉडी प्रोटेक्ट होती है।
नींबू का एक और गुण है की नींबू ब्लड प्यूरीफायर भी है। जब नींबू के कुछ अंश हमारे ब्लड में पहुंचते हैं, तो वह ब्लड पुरीफिकेशन का कार्य करते हैं। जिससे हमारे ब्लड का प्यूरिफिकेशन भी हो जाता है। जिससे हमारी स्किन चमकने लगती है।
5: आहार
इसके बाद हम जो कुछ भी खाते हैं। चाहे दो रोटी ही क्यों ना हो वह हमारे तन को लगने लगती है। क्योंकि रोटी के हर निवाले में मौजूद इंपॉर्टेंट न्यूट्रिएंट्स चले जाते हैं और जो चीजें हमारे शरीर के लिए आवश्यक नहीं होती वह मल के रूप में शरीर से बाहर निकाल दी जाती है।
इसके साथ ही हम आपको एक चीज और बतलायेंगे कि आप अपने जीवन शैली में सात्विक डाइट अडॉप्ट करें क्योंकि दोस्तों हमारा जो शरीर बना है वह पूरी तरह से सात्विक डाइट के लिए ही बना है। यह तो धीरे-धीरे लोगों की देखा देखी लोग नॉन वेजिटेरियन डाइट या जंक फूड के आदि बनते गए और इन सभी पदार्थों के सेवन से आज हम देख रहे हैं कि शरीर को किस तरह से लोगों ने रोगी बना रखा है।
अब अगर सचमुच में हमें निरोगी बनना है तो वह सब चीजें जो हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक हैं। सबसे पहले तो उन चीजों को शरीर के भीतर जाने से रोकना होगा। जैसे कि सिगरेट, गुटका, पान, बीड़ी, तंबाकू, अल्कोहल, बर्गर, कोल्ड ड्रिंक, पिज्जा, पैकेज्ड फूड, केमिकल, युक्त भोजन नॉनवेज इत्यादि।