5 Differences between
Gareeb and ameer
दोस्तों, हम जो कुछ भी हैं वह हमारी सोच की वजह से है। हमें अमीर या गरीब हमारी सोच बनाती है। आज हम आपको बतलाएंगे वह 5 अंतर जिससे आप समझ पाएंगे की वह कौन से Mentality हैं। जो इंसान को अमीर या गरीब बनाते हैं।
Networking - दोस्तों जिस व्यक्ति के संबंध सबसे के साथ मधुर हों जो अपना कार्य दूसरों के साथ भी शेयर करता हो। जिसमे सहयोग की भावना हो, जो टीम में कार्य करता हो। वह सफलता जल्दी हांसील कर लेता है। उसकी सफलता स्थाई रहती है। इसके विपरीत जो व्यक्ति स्वार्थी होता है। अकेला ही सफल होने के लिए दौड़ता रहता है। उसका selfish Nature उसे सफल नहीं होने देता ।
आपने देखा होगा विदेशों में अपने कार्यों को करने के लिए लोग उस कार्य को दूसरे से करवाकर उन्हे उनके बदले पेमेंट करते हैं। और अपनी ऊर्जा और समय किसी अन्य बड़े कार्यों के लगाकर उस वक्त और एनर्जी को सफल करते हैं। इस विधि से उसने एक ही समय में दो कार्य किए पहला तो ऑफिस का कार्य और दूसरा absent होकर भी उसका अन्य कार्य affected नहीं हुआ बल्कि और ही बेहतर तरीके से दूसरों की मदद लेकर घर के कार्य भी संपन्न हुवे।
दोस्तों कुदरत उन लोगों को आगे बढ़ाती है। जिसमे सहयोग की भावना हो, जिनमें सबके कल्याण की भावना हो। जो स्वार्थी होते हैं। जिनमे दूसरों को नीचे गिराने की भावना होती है। जिनमें जेलसी की भावना हो ऐसे लोगों को कुदरत आगे नहीं बढ़ाती। कुदरत के Rules पर चलकर हम सफल होते हैं। और कुदरत के Rules के विपरीत चलकर हम असफल होते हैं।
इसलिए कहा जाता है।
जब कभी किसी की मदद करने का मौका मिले तो सारथी मतलब मार्गदर्शन करने वाला जरूर बन जाना मगर स्वार्थी कभी मत बनना।
Savings/Investment - दोस्तों Rich Mentality के लोगों में दिखावा करने की जरूरत नहीं होती। बल्कि वह जो हैं वह उनका नैचुरल व्यवहार ही होता है। मगर एक Poor Mentality के वर्गों में जितनी कमाई नहीं होती उससे ज्यादा वह खर्च करके, ऊपर से उधार लेकर, चीजें किस्तों पर खरीदकर दिखावा करते हैं, की वह अमीर हैं।
जैसे किसी की तनख्वाह है दस से पंद्रह हजार और वह उस तनख्वाह से किस्त में पच्चास हजार ही मोबाइल लेकर लोगों के सामने खुद को अमीर की तरह प्रेजेंट करेगा। जो की रियलिटी नहीं है। ऐसे लोग पहले खर्च करते हैं फिर उधार लेकर खर्च करते हैं और सेविंग्स करने वालों का मजाक उड़ाते हैं। Poor Mentality वाला जितनी सैलेरी नहीं उससे कई ज्यादा खर्च करता है। उधार लेकर कर्ज में डूबा रहता है। ऐसे लोग यही सोचेंगे कहीं से Regular income के लिए कोई जरिया मिल जाए जिससे जिन्दगी आराम के साथ कट जाए, ऐसे वर्ग के लोग केवल पैसे कमाने के उद्देश्य से कार्य करेगा । ऐसी मेंटालिटी वाला सदा कस्टमर बनकर काष्ठ से मरता ही रहता है। वह कभी प्रोड्यूसर या क्रिएटर अर्थात निर्माता नहीं बनता। इनकी मेंटालिटी में नौकरी करना ही सफलता का सूचक होता है। जबकि अमीर मेंटालिटी वाला नौकरी नहीं करता बल्कि खुद मालिक बनकर अन्य को नौकरी देने की काबिलियत रखता है।
वहीं rich mentality वाला केवल जरूरत के समान ही खरीदेगा। और उसमें savings की सबसे बेहतर आदत होगी। Rich mentality के लोगों में savings को सही जगह इन्वेस्ट कर पैसों से पैसे कमाने का हुनर होगा। पैसों से काम कराकर पैसे कमाना, rich mentality वाला बड़ी सोच रखता है। वह रोजगार मांगता नहीं बल्कि ऐसे कार्य करता है जिससे अन्य को वह रोजगार देने के काबिल बन जाता है। अमीर मेंटालिटी वाला निर्माता बनता है। फिर वह प्रोडक्ट अन्य इस्तेमाल कर कस्टमर बनते हैं।
जो बचत की आदत का मजाक बनाते हैं।
वही एक दिन मुसीबत आने पर दुनियां के सामने हांथ फैलाते हैं।
3 ) Skill Development - अक्सर हम अपने आसपास ऐसे लोगों का समूह देखते हैं, जो यही सोचा करते हैं की कहीं से एक सरकारी नौकरी मिल जाए, या कोई 15,20 हजार की नौकरी मिल जाय। और उन्हें वह नौकरी मिलने के बाद वह अपने आप को सफल समझकर दुनियां से कटकर रहने लगते हैं। और अपनी ही एक छोटी सी दुनियां में जीते रहते हैं। कभी मोबाइल, कभी कार, कभी कुछ खरीदकर खुद को अमीर की तरह प्रेजेंट करते रहते हैं। उनको लगता है वह सब कुछ जान चुके हैं उन्हे अब नया कुछ जानने की जरूरत नहीं।
ऐसा सोचकर सेल्फ development खुद ही रोक लेते हैं। क्योंकि केवल एक तय सीमा तक धन कमाना ही सफलता नहीं, बल्कि सफलता तो धन के साथ साथ गुण कमाने में skill development करने में है। खुद की डेवलपमेंट रोकने वाले ऐसे लोग सफल व्यक्ति के कैटेगरी में नहीं आते बल्कि यह poor mentality में काउंट होती है।
वहीं जो Rich Mentality का होगा वह धीरे धीरे सीढियां चढ़कर आगे बढ़ने के कारण उसमे patience होगा। वह सेल्फ development कभी नहीं रोकता क्योंकि उसे अपनी कमाई पर अहंकार नहीं होता, जबकि poor mentality का व्यक्ति जरा सा कमाकर दिखावा करने लगता है। मतलब उसमे पैसों का अभिमान आ जाता है।
वह फिजूल खर्च नहीं करेगा, वह क्रिएटिव माइंडसेट का होगा वह समस्यायों से भागने वाला नहीं बल्कि प्रॉब्लम्स को फेस कर सॉल्व कर नए रास्ते का निर्माता होगा। अमीर मेंटालिटी का व्यक्ति क्रिएटर होगा। उसमे रचनात्मकता होगी।
जिसने खुद को खर्च किया है।
दुनियां ने उसी को गुगल पर सर्च किया है।
4) Reaction During problems - problems के दौरान किया गया रिएक्शन हमें अमीर या गरीब की श्रेणी में लाकर खड़ा कर देता है। Same problems में सबके रिएक्शन अलग अलग होते हैं। एक poor mentality का व्यक्ति प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने का प्रयत्न तो करेगा लेकिन जब उससे प्रॉब्लम्स सॉल्व नहीं होगी तब वह giveup कर किनारा कर लेगा। वहीं एक Rich mindset का व्यक्ति प्रोब्लम को फेस करेगा, अनुभव के आधार पर उसको सॉल्व करेगा, अगर experience नहीं होगा तो वह संबंधित ज्ञान, गुण, शक्ति कहीं से लेकर उस प्रोब्लम को सॉल्व करके रहेगा। मतलब Rich Mentality का व्यक्ति प्रॉब्लम सॉल्वर होगा। Imposible शब्द अमीर व्यक्ति की डिक्शनरी में नहीं होगा। बल्कि इसके लिए तो हर कार्य संभव होगा। Nothing is impossible के सिद्धांतो पर चलने वाला होगा होगा। जहां poor mentality का व्यक्ति impossible कह रहा होगा उसी situation में अमीर व्यक्ति का माइंडसेट कह रहा होगा i am possible
बहुत से लोग खुद की ताकत से अनजान होते हैं। इसीलिए जिंदगी की समस्याओं से परेशान होते हैं ।
लेकिन जिस दिन खुद की ताकतों को पहचान लेते हैं। उनके सामने जीवन में आने वाली हर चुनौतियां खेल नजर आने लगती है। और वह बाजीगर बन जाते हैं।
5) VALUE OF TIME - poor mentality का व्यक्ति अपना समय टीवी के सीरियल, क्रिकेट, फिल्में देखने में लगाता है। क्योंकि उनको टाइम की सही वैल्यू पता नहीं होती। वहीं अमीर आदमी टाइम की कीमत बड़े ही अच्छे से समझता है। उसके लिए तो टाइम ही MONEY है। जो व्यक्ति समय की कद्र करता है। समय उसकी कद्र करता है। जिन्हे समय की कद्र नहीं समय एक दिन उसकी कद्र करना भी बंद कर देता है। फिर वह व्यक्ति कहीं का नहीं रहता। इसलिए समय की कद्र करने वाला बनिए। कुदरत द्वारा दिया गया समय हमारे लिए अनमोल तोहफा है। जो समय से पहले चलते वह सफलता के श्रेणी में अव्वल रहते, जो समय के साथ चलते वह सफलता की श्रेणी में दूसरे स्थान पर रहते और जो समय की कद्र ना करते हुवे समय निकल जाने के बाद जागते हैं। तब तक बड़ी लेट हो जाती है। और वह असफल बन जाते हैं।
किसी का समय अच्छा या बुरा नहीं होता बल्कि समय को अच्छा या बुरा हम अपने कर्म से खुद बनाते हैं।