उम्र के इस पड़ाव पर जो देख कर दिल में एक एहसास था
शायद वही मेरा पहला प्यार था।
वो मुझे लगता बारिश की फुहार था
जिसे मिलने को करता मन हर बार था
शायद वही मेरा पहला प्यार था
जो कभी न भूल सके ऐसे बिखेरता वो खुशियां हजार था
लगता है मुझे वही मेरा पहला प्यार था।
कभी मिलने की रहती खुशी
बिछड़ने का गम हर बार था
लाता वो बाजार से मेरे लिए
झुमके हर बार था
हाँ वही मेरा पहला प्यार था।
जिसे देख नम आंखें भी मुस्कुरा जाती थी
बिना मेरे एक लफ्ज उसकी आँखें मेरी हर बात समझ जाती थी
देख कर उसकी एक झलक जो सांसे मेरी ठहर सी जाती थी
इसलिए मैं उसे बेइंतहा चाहती थी।
कुछ इस कदर आसमान मेरे पर टूट पड़ा था
चाहा था जिसे वो मुझसे कुछ दूर खड़ा था
मेहंदी मेरे हाथ में दूसरे के नाम की लग रही थी
हो नहीं सकती मैं उसकी वो उससे कह रही थी
अब किसी ओर के साथ जीवन मुझे बिताना है
दिल में था वो ओर किसी को हमसफ़र बनाना है
भूल नहीं सकती जिसे मैं ताउम्र
वो मेरे जीवन का ऐसा तराना है
वो प्यार का मेरे पहला अफसाना है
हाँ वही मेरे पहले प्यार का खुदा का दिया नजराना है।