21 जुलाई 2022
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मैं मोनिका गर्ग, फरीदाबाद, हरियाणा मेरा निवास स्थान है। लिखने का शौक बचपन से ही था। बहुत छोटी उम्र से ही लेखनी के सिपाही बनने की कोशिश की। हम उम्र बच्चे जहां गुड्डा गुडिया का खेल खेलते थे, मिट्टी के घरोंदें बनाते थे हम कलम के माध्यम से कागज पर उन घरोंदों के सुख दुःख उकेरते थे।महज बारह साल की उम्र में अपनी पहली कहानी "भिखमंगे" लिखी। फिर माँ सरस्वती के चरणों की उपासना करते करते कलम के सिपाही बनती चली गयी। आज हमारी बहुत सी कहानियाँ बहुत से मंचों पर सराही जाती हैं। एक मंच के लिए सहलेखन भी किया। Shabd.in, लेखिनी, प्रतिलिपि, स्टोरी मिरर, रश्मिरथी, शीरोज जैसे बहुत से मंच है जहाँ हमारा लेखन सतत् जारी है। हम ज्यादातर शार्ट स्टोरीज ही लिखते है।बाकि अभी तक चार उपन्यास भी लिखे चुके हैं। हमारी Shabd.in मंच के माध्यम से तीन किताबें पेपरबैक में प्रकाशित हो चुकी है। "मन की बातें", "रोचक व शिक्षाप्रद कहानियां" और "आखिर खता क्या थी मेरी" बहुत सी किताबें ई-बुक के रूप में भी Shabd.in पर उपलब्ध है। अब और क्या कहें बस इतना ही अपने विषय में कहेंगे। हमसे रचना तब होती है जब "भावनात्मक विचारों का ऐसा तूफान आता है कि जब तक उसे कागज पर ना उतार दें आत्मा को चैन नहीं मिलता।"D
Bahut hi badiya thi
26 सितम्बर 2022
पता नहीं हमने तो संयुक्त रूप से फ्लेट खरीदा है और उसने तो आधे से ज्यादा पैसे लगाए ,तब ऐसा क्यों?
4 सितम्बर 2022
स्त्री का योगदान का मूल्यांकन करने की जरूरत है
2 सितम्बर 2022
100% real hy thi hota hy
2 सितम्बर 2022
Lady ko kabhi bhi wo respect nhi milti jo wo deserve karti h. Hamari society ka himan ego h
13 अगस्त 2022
आज के परिवेश पर सुंदर लेखन.... स्त्री के मेहनत लगन और समर्पण के सापेक्ष में पुरुष वादी सोच पर प्रश्नचिन्ह तो है...👍👍
29 जुलाई 2022
औरत जब तक अपने को बेचारी समझती रहेगी तब तक कुछ पुरुष उसे यूँ ही उस पर अपना हक़ जताते रहेंगे . अच्छी कहानी
28 जुलाई 2022