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धर्म की मां

24 जुलाई 2022

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रचनाएँ
मै औरत हूं... इसलिए
4.9
औरत जननी है, पत्नी है, मां है ,बेटी है पर क्या उसे वो अधिकार मिलते है जो उसे मिलने चाहिए। क्या वो रिश्तों नातों को निभाते निभाते हुए अपना वजूद खो देगी ।आईये इन कहानियों के माध्यम से जाने।
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मै औरत हूं... इसलिए

21 जुलाई 2022
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"झरना तुम्हें पता है ना एक औरत ही घर बनाती है और एक औरत ही घर का सर्वनाश भी कर देती है । क्यों मै ठीक कह रहा हूं ना।"अमित झरना की ओर मुखातिब होता हुआ बोला।तभी सुरेश बोल पड़ा,"भाभी इसकी बातों पर ध्यान

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संदूकची

21 जुलाई 2022
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कमलादेवी का भरा पूरा परिवार था ।चार बेटे और एक बेटी सब अपनी अपनी गृहस्थी वाले थे। कमलादेवी ने कोई मोती ही दान किये थे जो ऐसे बच्चे दिए थे भगवान ने ।सबसे बड़ा गिरधारी था जिसके बच्चे भी शादी लायक हो गये

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एक दिन बहू का

22 जुलाई 2022
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सुमित की शादी होने वाली थी उसे चिंता सताये जा रही थी ।जब किसी लड़के की शादी होती है तो उसे यही चिन्ता होती है कि पता नही मेरा गृहस्थ जीवन कैसा होगा।पर सुमित को चिन्ता थी तो अपनी मां की।उसे पता था उसकी

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कैसा फर्क

22 जुलाई 2022
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धरा और पृथ्वी दोनों अपने अपने परिवार से दूर बड़े शहर मे रह कर नौकरी कर रहे थे ।दो साल हो गये थे शादी को पर अभी बच्चा करना उनके लिए जरूरी नही था वो अपने करियर पर ध्यान देना चाहते थे।धरा ने भी इसी शर्त

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मेरी मां लौट आयी है

23 जुलाई 2022
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छोटी सी कृषा जब भी स्कूल से लौटती झट से मम्मी के पास जाती थी बहुत देर हो गयी होती थी मां को देखे हुए ।अपनी सारी प्यास मां के अमृत मयी स्नेह से बुझाती थी। कभी दादी के पास तो कभी मां के पास कृषा का दिन

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धर्म की मां

24 जुलाई 2022
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घर मे नयी नयी बहू आयी थी ।उषा जी आज थोड़ा ज्यादा ही व्यस्त थी । नौकरानी को बार बार हिदायत दे रही थी ,"देखो कोई चीज की कमी नही रहनी चाहिए।आज मुहल्ले की औरते मुंह दिखाई के लिए आ रही है और जो मेहमान शादी

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इक मुलाकात ज़रूरी है सनम

24 जुलाई 2022
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आज नीरा के लिए और दिन से कुछ खास दिन था ।वैसे तो वही सुबह उठना बच्चों को तैयार करके स्कूल भेजना और स्वयं तैयार होकर आफिस जाना रहता था। लेकिन आज आफिस से मेल आयी थी कि उसे सात आठ दिन के लिए मीटिंग के लि

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खुशबू तेरे आंचल की

24 जुलाई 2022
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शिखा अपने चार साल के बेटे को सुला रही थी। नमन सोने नाम ही नही ले रहा था वह बार बार लोरी गाती पर वो थोडी देर पलके बंद करता और फिर से खोल लेता था।आज ही तो मायके से आयी थी ।एक महीना हो गया था अपने

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तेरा साथ

24 जुलाई 2022
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सुहानी शाम ढल चुकी।ना जाने तुम कब आओगे।"रेडियो पर गीत बज रहा था।सुधा जी अपने कमरे मे बैठी।कमरे के बाहर बगीचे का नजारा ले रही थी।शाम ढल रही थी।काफी दिनों से तेज गर्मी पड़ रही थी।आज सुबह भी मौसम काफी गर

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परी की छड़ी

24 जुलाई 2022
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मां , मां आप कहां हो ? देखो ये बड़ा ही डरावना राक्षस मुझे लिए जा रहा है।"छोटी सी टिनीया नींद मे ही जोर जोर से रोने लगी। कुमुद ने पास मे सोई अपनी नन्ही सी परी को जब इस तरह से डरते हुए देखा तो उठकर उसे

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