कुछ कम था
ज्यादा रखा,
मेरे हिस्से में मां आधा रखा,
नसीब बनाई क्यों ऐसी तुमने
अफसोस बड़ा ज्यादा रखा
मेरे हिस्से में मां आधा रखा,
कर सकते शिकवा तुमसे
शिकायतों का सिला ज्यादा रखा
हिस्से में मां आधा रखा,
लिख दी तुमने जब अपनी कलम
तुझे हम कितने गम,
यह किस्मत खेल करें हमसे
जीवन बड़ा सादा रखा,
मेरे हिस्से में मां आधा रखा।