Ambika Jha
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कविता संग्रह
जरा सी मुसीबत की आंधी क्या आईं। कहीं रिश्ता बदला ,कहीं यार बदला।। सलाहें भी बदली, अदाएं भी बदलीं। यकीं था हमारा , वही प्यार बदला।। जो खुशियों के मौसम में था साथ मेरे। हवाओं सा उसने भी किरदार बदला।। हरी वादियों जैसी उम्मीद टूटी। वो पतझड़ में होकर
कविता संग्रह
जरा सी मुसीबत की आंधी क्या आईं। कहीं रिश्ता बदला ,कहीं यार बदला।। सलाहें भी बदली, अदाएं भी बदलीं। यकीं था हमारा , वही प्यार बदला।। जो खुशियों के मौसम में था साथ मेरे। हवाओं सा उसने भी किरदार बदला।। हरी वादियों जैसी उम्मीद टूटी। वो पतझड़ में होकर