"अपना बना लिया"
"आंखों में बसाकर तुम्हें कजरा बना लिया।
गम को छुपाने का तुम्हें जरिया बना लिया।।
बस दर्द ही मिला मोहब्बत में जो हमें।
उस दर्द को जीने का एक हिस्सा बना लिया।।
मुझको किया है दरबदर उल्फत में देखिए।
उसने किसी को आज ही अपना बना लिया।।
शब्दों के जरिए दिल में उतरता है जो मेरे।
शब्दों ने मुझे दर्द का किस्सा बना दिया।।
आदत है रोज-रोज वो मंजिल बदल रहा।
यादों ने ग़म का इक कमरा बना दिया।।
जिसके लिए ठुकरा दिए मैंने सभी रिश्ते।
उसने किसी को देखिए अपना बना लिया।।
कहीं भूल न जाऊं जिंदगी के किसी मोड़ पर।
इसलिए गुजरते वक्त को किस्सा बना लिया।।"
अम्बिका झा ✍️