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भजन

6 सितम्बर 2021

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"भजन"


"सुनो- सुनो कृष्ण, सुनो रे कन्हैया,

क्यूं मेरे कान्हा तुमने, मुझे यूं भूलाया।


पहले क्यूं तू ने कान्हा प्रीत लगाई,

प्रीत लगाकर मोहन, क्यूं बिसराई।


क्यूं मेरे मोहन तुमने दिल को दुखाया,

क्यूं मेरे नयनों से नीर बहाए।


क्यूं नहीं तन से मेरे प्राण को निकाला,

निष्ठुर बने तुम मोहन मुझे क्यूं भूलाया।


ऐसा क्या कुबजा ने तुम को भरमाया,

क्यूं मेरे मोहन तुमने वादा भुलाया।


कैसे भूला तुमने मोहन मुरली बजाना

गोकुल के गलियों में माखन चुराना।।


कैसे भूला तुम ने मोहन धेनु चराना 

यमुना के तट पर आकर रास रचाना।


सुनो- सुनो कृष्ण, सुनो रे कन्हैया,

क्यूं मेरे कान्हा तुमने, मुझे यूं भूलाया।।"


                     अम्बिका झा ✍️

रवीन्‍द्र श्रीमानस

रवीन्‍द्र श्रीमानस

सुन्‍दर भक्ति रचना।

7 सितम्बर 2021

Vijaykant Verma

Vijaykant Verma

बहुत खूबसूरत भजन लिखा है

7 सितम्बर 2021

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