मां शारदे
दोहा
वीणापाणी अज्ञान हरो,दो ज्ञान वरदान।
धवलवश्त्र सुवासनी,हर लो सभी विकार ।।
ज्ञान सुधा से उर भरो,लेखनी बसो आप।
शब्द सृजन के शब्दो ,से करू निरंतर जाप।।
श्वेतांबरी जगदंबा ,शुक्लवर्णा स्वरूप ।
शतरूपा पद्यासना ,वीणावादित रूप ।।
हाथो मे स्फटिक की माला,श्वेत वर्णा नाम ।
श्वेत वसन कमलासना ,बसे मेरे उर धाम ।।
जय जय माता शारदा,नमन बारम्बार ।
सृजन शक्ति मै मांगती, प्रेम पुंज आभार ।।