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बरखा का सावन

17 जून 2022

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वो बरखा की बूंदो संघ ,वो सावन का आना ।
वो बागो मे डालो पर  ,झूलो का पड़ना ।
वह झूले की मस्ती,और सखियो से अनबन।
वह अमवा की डाली पर रस्सी की उलझन । वो सभी बहन बेटी का वो अपने मैके का आना ।
वो सखियो मिलना और वो रूठना मनाना ।
वो गुडिया के मेले मे जाने की बन ठन  ।
वो ढोलक के धापो सावन की कज़री ।
वह शंकर की भक्ति वह गौरी का पूजन।
वो धरती की धानी  चुनर  का पहना ।
कहां तक बखनू मै बरखा का सावन ।
वो दादुर की बोली वह मोरो का नृत्यन ।

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बरखा का सावन

17 जून 2022
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वो बरखा की बूंदो संघ ,वो सावन का आना ।वो बागो मे डालो पर ,झूलो का पड़ना ।वह झूले की मस्ती,और सखियो से अनबन।वह अमवा की डाली पर रस्सी की उलझन । वो सभी बहन बेटी का वो अपने मैके का आना ।वो सखियो मिल

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नारी

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