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अनुवाद

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1. मेथी, सोंठ और हल्दी समान मात्रा में मिला कर, पीसकर नित्य सुबह शाम खाना खाने के बाद गरम पानी से दो - दो चम्मच फ़की लेने से लाभ होता हे.2. रोज सुबह भूखे पेट एक चम्मच कुटी हुई दाना मेथी में, १ ग्राम

*ईश्वर कृपा क्या है?*पैसा, आलीशान घर, महंगी गाड़ियां और धन-दौलत ईश्वर_कृपा नहीं है।इस जीवन में अनेक संकट और विपदाएं जो हमारी जानकारी के बिना ही गायब हो जाती हैं, *वह ईश्वर कृपा है।*कभी-कभी सफ़र के दौर

सूर्य नमस्कार ऐसा योग है जिसको करने के बाद अगर आप कुछ और व्यायाम ना भी कर करें, तो भी काम चल जाएगा। सूर्य नमस्कार ऐसा योग है जो आपको शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखता है। पौराणिक ग्रंथो में भी सूर्

क्या आपने कभी ये विचार किया कि इस दुनिया में आपकी तकदीर कौन और कैसे बदल सकता है..? कौन है जो आपके चेहरे पर मुस्कुराहट ला सकता है..? कौन है जो आपके जीवन को सुखी और आनंदमय बना सकता है और कौन है वो जो आप

धनुरासन योग : जानिये विधि, लाभ और सावधानियाँपेट के बल लेट कर किये जाने वाले आसनों में एक महत्वपूर्ण आसान धनुरासन योग है जो चूँकि इसका आकर धनुष के सामान लगता है इसलिए इसको धनुरासन के नाम से पुकार जाता

लगभग 50 ग्राम की मात्रा में चने की दाल को लेकर 100 मिलीलीटर कच्चे दूध में भिगोकर रख दें। सुबह उठकर इस दाल में किशमिश और मिश्री मिलाकर अच्छी तरह से चबा कर खायें। इसका सेवन लगातार 40 दिनों तक

 एक ऐसा नुख्सा बताने जा रहा हूँ जिसे आप स्वयं बनाकर भी उपरोक्त रोग से मुक्ति पा सकते है।नये जमाने की लाइफस्‍टाइल में लिवर की बीमारी होना अब आम बात हो चुकी है। गरिष्ठ ऑयली भोजन, मोटापा और शराब का

पित्ताशय में कोलेस्ट्रोल, बिलीरुबिन और पित्त लवणों का जमाव होने लगता है या सख्त होने लगता है। तब ये धीरे-धीरे वे कठोर हो जाती हैं तथा पित्ताशय के अंदर सिस्ट या पत्थर का रूप ले लेती है।लक्षण:- रोगी को

Treatment for Paralysisलकवा/फालिज/अर्धांगवात/एकांगवात/पक्षाघात के लिए एक बेमिसाल नुस्खाआमतौर पर लकवा को लोग शारीरिक बीमारी समझते हैं और मालिश वगैरह के चक्कर में पड़ जाते हैं। जबकि ये दिमाग से जुड़ी सम

हमारे भोजन करने के बाद जब भोजन पेट के अंदर पाचन तंत्र में पहुंचता हैं तब इस भोजन को पचाने के लिए एक “Acid” बनता हैं, जो की पेट में भोजन को पचाने का काम करता हैं. जब यह Acid पेट में जरुरत से ज्यादा बनन

 *केवल मनुष्य ही एक मात्र ऐसा प्राणी है, जिसका व्यक्तित्व निर्माण प्रकृति से ज्यादा उसकी स्वयं की प्रवृत्ति पर निर्भर होता है।**मनुष्य अपने विचारों से निर्मित एक प्राणी है, वह जैसा सोचता है वैसा

  जो सबसे पहले क्षमा माँगता है,वह सबसे बहादुर होता है।जो सबसे पहले क्षमा कर देता है,वह सबसे शक्तिशाली होता है।औरजो सबसे पहले भूल जाता है,वह सबसे अधिक सुखी व्यक्ति है।सब दुःख दूर होने के बाद

 बहुत से लोग जीवन में सुखी रहते हैं , प्रसन्न रहते हैं मस्त रहते हैं ।और बहुत से लोग जीवन में दुखी रहते हैं , चिंतित और परेशान रहते हैं।क्या कारण है ? बहुत सारे कारण हो सकते हैं। उनमें से एक कारण

आयुर्वेद के अनुसार किसी भी तरह के रोग होने के 3 कारण होते हैं। किसी भी रोग के होने का कारण एक भी हो सकता है और दो भी हो सकता है या दोनों का मिश्रण भी हो सकता है या तीनों दोषों के कारण भी रोग हो सकता ह

परिचय:- इस रोग के कारण रोगी के पेट में गैस बनने लगती है जिसके कारण रोगी का पेट फूलने लगता है और पेट में दर्द होने लगता है। इस रोग को फ्लेटूलेन्स भी कहते हैं। इस रोग के कारण रोगी को डकारे भी आने लगती ह

जब अपेंडिक्स का दर्द उठाता है तब डॉक्टर लोग हमेशा ओपरेशन करने के लिए ही बोलते है , लेकिन अपेंडिक्स के लिए कभी भी ओपरेशन नहीं करना चाहिए.अगर आप निम्न लिखित उपाय करेंगे तो अपेंडिक्स से 7दिन के अन्दर आप

 मानव शरीर जटिलताओं से भरी एक ईश्वरीय संरचना है जहा इसके प्रत्येक अंग का अपना महत्व है । इन्हीं अंगों में एक है अपेण्डिक्स क्या होता है अपेंडिक्स?सामान्यतः यह एक वेस्टिजियल अंग है जो छोटी और

 1. तुलसी : तुलसी के पत्तों को नमक के साथ पिस कर डंक लगे स्थान पर मलना चाहिये |जहर तुरंत उतर जायेगा।2.मिटटी का तेल : ततैया के काटने के बाद आप मिटटी के तेल का उपयोग भी कर सकते हैं|

सात बूँद बड़ का दूध शक्कर के साथ देने से पेशाब तथा गुदा द्वारा होने वाले रक्तस्राव में लाभ होता है।अडूसी के पत्तों का 1 तोला (लगभग 12 ग्राम) रस रोज सुबह पीने से अथवा केले के फूल का 2 से 10 मि.ली. रस 1

एक नीबू का रस और 10-15 तुलसी के पत्तों का रस दोनों को अच्छे से मिलाकर फंगल इन्फेक्शन पर लगाए से अत्यंन्त लाभ होता हैं.हल्दी की जड़ का रस निकालकर फंगस के स्थान पर लगाए और तीन घंटे तक इसे लगा रहने दें फि

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