गैस बाय -बादी का उपाय ----सामग्री --1--अजवायन --20 ग्राम 2--दाना मैथी .20 ग्राम 3--काला नमक 20 ग्राम 4--त्रिफला ---50 ग्राम 5---अदरक --100 ग्राम 6--- पतंगा ---10 ग्राम 7
शास्त्र में कहा है-'पापकर्मेति दशधा।' अर्थात् पाप कर्म दस प्रकार के होते हैं। हिंसा (हत्या), स्तेय (चोरी), व्यभिचार-ये शरीर से किए जाने वाले पाप हैं। झूठ बोलना (अनृत), कठोर वचन कहना ( परुष) और चुगली क
जिसने भी इस पृथ्वी जन्म लिया और ईश्वर में विश्वास करता है तो वह ईश्वर की भक्ति अवश्य करता है। पृथ्वी पर जन्म लेने वाले ज्यादातर लोग भगवान में आस्था रखते हैं और उनकी भक्ति करते हैं, परंतु हर मनुष्य का
आकर चारि लच्छ चौरासी। जोनि भ्रमत यह जिव अबिनासी॥कबहुँक करि करुना नर देही। देत ईस बिनु हेतु सनेही॥भावार्थ:- यह अविनाशी जीव अण्डज, स्वेदज, जरायुज और उद्भिज्ज चार खानों और चौरासी लाख योनियों में चक्कर लग
साईनस रोग : आधे सिर वाला मर्ज जानिये कारण, लक्षण, उपचार और दूर रखने के उपायसाइनस (नाक के एक रोग)साइनस नाक का एक रोग है। आयुर्वेद में इसे प्रतिशय नाम से जाना जाता है। लक्षणसर्दी के मौसम में नाक ब
भुजंगासन योग : जानिए विधि, लाभ और सावधानियांसंलग्न चित्रानुसार“भुजंग” शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है। भुजंग का अर्थ सर्प होता है, इसलिए भुजंग-आसन को “सर्प आसन” भी कहा जाता है। भुजंगासन को अंग्रेजी म
सहनशीलता, समर्पण और मौन आपकी उपयोगिता और मूल्य दोनों को बढ़ा देती है। दूध, दही, छाछ, मक्खन और घी एक ही वस्तु के परिवर्तित रूप होने के बावजूद भी सबका मूल्य अलग - अलग ही होता है क्योंकि श्रे
लोग कहते हैं कि हम अच्छे होंगे तो, हमें भी अच्छे लोग मिलेंगे* *पर सच तो यह है कि, हम जितना ज्यादा सच्चे और अच्छे होंगे लोग हमारा उतना ही ज्यादा फायदा उठाएंगे* *इसलिए ना तो ज्यादा सच्च
भारतीय संस्कृति में पुष्प का उच्च स्थान है। देवी-देवताओं और भगवान् पर आरती, व्रत, उपवास या पर्वो पर पुष्प चढ़ाए जाते हैं। धार्मिक अनुष्ठान, संस्कार, सामाजिक व पारिवारिक कार्यों को बिना पुष्प अधूरा समझ
त्रियाचरित्रम्" अर्थात तीन प्रकार के चरित्र 1.सात्विक, 2. राजसिक , 3.तामसिक ब्रह्माण्ड का सञ्चालन सुचारु रूप से चलाने के लिये उन्होंने तीन प्राकृतिक गुणों की रचना की जो
भगवन्नाम के निरंतर जप का मानव शरीर पर कितना अद्भुत प्रभाव होता है, यही दर्शाती विभिन्न भक्तों के जीवन की कथाएं ।शब्द में बड़ी प्रबल शक्ति होती है । निरन्तर भगवन्नाम जप से मन की शुद्धि होती है, विवेक ज
हिन्दू धर्म ग्रन्थों और शास्त्रों में भगवान् शिवजी को शनिदेव का गुरु बताया गया है, तथा शनिदेव को न्याय करने और किसी को दण्डित करने की शक्ति भगवान् शिवजी के आशीर्वाद द्वारा ही प्राप्त हुई है, अर्थात शन
केवल मनुष्य ही एक मात्र ऐसा प्राणी है जिसका व्यक्तित्व निर्माण प्रकृत्ति से ज्यादा उसकी स्वयं की प्रवृत्ति पर निर्भर होता। मनुष्य अपने विचारों से निर्मित एक प्राणी है, वह जैसा सोचता है वैसा बन जाता है
जीवन में अनेक बार कुछ परिस्थितियां ऐसी बन जाती है कि हमे चारो ओर अंधकार ही अंधकार दिखाई देता है, कही कोई नजर नही आता,,कोई अपना हितेषी दिखाई नहीं पड़ता,,कोई एक निर्णय लेने में बड़ी दुविधा होती है,,, भावन
अगर आप अपनी दिनचर्या में ये 10 चीजें शामिल कर लें तो रोग आपको छू भी नहीं पायेगा. हृदय रोग, शुगर , जोड़ों के दर्द, कैंसर, किडनी, लीवर आदि के रोग आपसे जय कोसों दूर रहेंगे .आइये जानते हैं इनके बारे
शास्त्र में कहा है-'पापकर्मेति दशधा।' अर्थात् पाप कर्म दस प्रकार के होते हैं। हिंसा (हत्या), स्तेय (चोरी), व्यभिचार-ये शरीर से किए जाने वाले पाप हैं। झूठ बोलना (अनृत), कठोर वचन कहना ( परुष) और चुगली क
हिंदू महाकाव्य के अनुसार, मां वैष्णो देवी ने भारत के दक्षिण में रत्नाकर सागर के घर जन्म लिया। उनके लौकिक माता-पिता लंबे समय तक निःसंतान थे। दैवी बालिका के जन्म से एक रात पहले, रत्नाकर ने वच
शास्त्रों- पुराणों में ऐसा कहा गया है कि स्त्रियों का स्वाभाव आज तक खुद भगवान भी नहीं जान पाएं तो इंसान और बड़े बड़े महापुरुष कैसे जान सकते है। आजकल लड़के, लड़कियों को समझने के चक्कर में सालों- साल शादी न
समस्त योगआसनों (Yogasana) में वज्रासन ही एक ऐसा आसन है, जिसे भोजन या नाश्ता करने के उपरांत तुरंत भी किया जा सकता है। स्वास्थ्य के लिए वज्रासन अभ्यास अति लाभदायक होता है। वज्रासन हर उम्र का व्यक्ति सरल
अंगिरा ऋषि ऋग्वेद के प्रसिद्ध ऋषि अंगिरा ब्रह्मा के पुत्र थे। उनके पुत्र बृहस्पति देवताओं के गुरु थे। ऋग्वेद के अनुसार, ऋषि अंगिरा ने सर्वप्रथम अग्नि उत्पन्न की थी।विश्वामित्र ऋषि गायत्री मंत्र का ज्ञ