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अनुवाद

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 कृष्ण” संस्कृत के इस शब्द का प्रयोग ऐसे व्यक्ति के लिए किया जाता है जिसका रंग काला या श्याम हो। मूर्तियों में श्रीकृष्ण को काले वर्ण का दर्शाया जाता है वहीं तस्वीरों में उनकी देह को नीले रंग में

रावण ने जब माँ सीता जी का हरण करके लंका ले गया तब लंका मे सीता जी अशोक वृक्ष के नीचे बैठ कर चिंतन करने लगी। रावण बार बार आकर माँ सीता जी को धमकाता था, लेकिन माँ सीता जी कुछ नहीं बोलती थी। यहाँ तक की र

जीवन में खुश रहने का एक सीधा सा मंत्र है और वो ये कि आपकी उम्मीद स्वयं से होनी चाहिए किसी और से नहीं। परीक्षा फल से वही बच्चा घबराता है जो स्वयं से नहीं अपितु निरीक्षक से उम्मीद लगाए रहता है।  स्

ताड़ासन: जानिए ताडासन करने का तरीका और फायदेव्यस्त जीवनशैली के चलते कई बार हम शरीर पर ठीक तरह से ध्यान नहीं दे पाते हैं। परिणामस्वरूप, शरीर का छोटी-बड़ी शारीरिक समस्याओं की चपेट में आने का जोखिम बढ़ ज

   शब्दों का वजन तो बोलने के भाव पर आधारित होता है..झूठ में आकर्षण..एवं..सत्य में अटलता होती है.          गलत इंसान आपकी अच्छाई से भी नफरत करते हैं...और...सही इंसान

  यह जरुरी नहीं कि जीवन में हमेशा प्रिय क्षण ही आएं दूसरे लोगों का अनुकूल व्यवहार ही हमें प्राप्त हो। अपमान, शोक, वियोग, हानि, असफलता आदि तमाम स्थितियां आती रहती हैं और जाती भी रहती है। दुनिया का

"वह जीवन ही क्या जो जीवनदाता के लिए पुकार न करे ।जिस व्यक्ति में थोड़ा-बहुत भी संयम है, ब्रह्मचर्य का पालन करता है वह धारणा-ध्यान के मार्ग में जल्दी आगे बढ़ जायेगा।हृदयमें भगवान्‌के प्रति सच्चा प्रेम

जब कोई समस्या आये तो तीन काम करें,       उसका सामना करें -उससे लड़ें-और खत्म करें,लोग आपके पास तब नहीं आते जब आप दुःखी होते हो,     लोग आपके पास तब आते हैं जब वो खुद

एक राजा के पास राजा के गुरु आये । राजा ने बड़ा आदर सत्कार किया । एक बड़ी सर्वरा की थाली लेकर सुंदर रेशमी कपड़े और रेशमी जूता और धन थाली में डालकर गुरुदेव के सम्मुख रखा । तब गुरुदेव ने कहा राजन यह

बुरा समय आपके जीवन के उन सत्यों से सामना करवाता है ,जिनकी आपने अच्छे समय में कभी कल्पना भी नहीं की होतीआप के अच्छे समय मे आप के हितैसी बहुत होंगे, लेकिन जब भी तकलीफ का समय आएगा तब कुछ चुनिंदा ही दिखें

 यह सच है कि ब्रह्मांड में केवल एक ही समय है, जो कभी नहीं रुकता। वह हमेशा अपनी गति से चलता रहता है। उनके जीवन का एक-एक पल इतना कीमती है कि दुनिया का सबसे अमीर आदमी भी यह सब खर्च नहीं कर सकता।इस

 तुम परमात्मा को अपना मित्र बनाओ हर घड़ी अपने को उसकी गोदी में बैठा हुआ अनुभव करो । यह मत सोचो कि वह अदृश्य है, शरीर धारी नहीं है, इसलिए उससे मैत्री किस प्रकार की जा सकती है ? जितना ही तुम उ

" रिश्ता " रखो या ना रखो.              किंतु..." भरोसा " जरूर रखना..!क्युं की जंहा " भरोसा " होता हेवंहा " रिश्ते " अपने आप बन जाते है बेशक़ पलट के देखो.  वो बीत

माहवारी से संबंधित एक प्राकृतिक घरेलु उपाय में मालवा नट (मराठी में इसे निरंजन फल बोला जाता है) का सेवन भी किया जाता है जो माहवारी संबंधी बीमारियों में अचूक दवा का काम करता है (उसे रामबाण भले ही न कहे

परिचय:-अपच रोग आमाशय या आंतों के ठीक से काम न करने के कारण होता है। इस रोग के कारण रोगी व्यक्ति को खाया-पिया भोजन पचता नहीं है तथा उसे खट्टीडकारे आने लगती है। अपच रोग साधारण हो या बहुत अधिक यह आमाशय औ

100gm बादाम+100gm इंद्र जौ+ 100gm भुने हुए चने बिना नमक केइनको pis कर रख लें, सुबह 1 स्पून पानी से खाएं, ठीक हो जायेगीकम से कम 3 महीने से बनकर हर हफ्ते शुगर का टेस्ट करते रहें अगर शुगर

व्यक्ति फल खाता है, परंतु यह नहीं जानता कि कैसे खायें। पका हुआ केला शहद के साथ खायें, अति स्वास्थ्यवर्धक होगा। अधपका केला नहीं खाना चाहिए।केले को दूध के साथ मिलाकर शेक न बनायेंबल्कि पहले दो केले खाये

 जीवन बड़ा अनंत है, कुछ भी तो ऐसा नहीं जिसे प्राप्त ना किया जा सके। प्रत्येक जीवन ईश्वर की अनुपम देन और कृपा प्रसाद है।यहाँ हर कोई साधारण से असाधारण होने की पात्रता रखता है। यहाँ अनेकों ऐसे उदाहरण

 कलमी शोरा 500 mg अंगूर का सिरका 15-20 ml और सादा शीतल जल जितना आराम से पी सके, तीनो मिलाकर पिये.गर्मी के मौसम में पेशाब रुक जाने, कम आने, जलन होने की समस्याओं का सहज सरल उपाय है। एक बार में आराम

मधुमेह और किडनी स्टोन आदि न हो फिर भी बार बार मूत्रत्याग के लिय जाना पड़े तो एक पका केला लीजिये उसको मसलकर ढाई ग्राम शतावरी चूर्ण , ढाई ग्राम विदारीकन्द चूर्ण और एक छोटी इलायची पिसी हुई मिला ले, यह एक

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