दोस्तों बात छोटी जरूर है, मगर हमारी बड़ी समस्या को दूर करती है, मैं यहाँ बात कर रही हूँ बच्चों के माता-पिता की और उनके बच्चों के भविष्य की.
हम अपने बच्चों के भविष्य (Future) को बनाने के लिए क्या-क्या प्रयास करते हैं, बहुत से सपने भी देखते है, पर हममें कई पेरेंट्स की यह चिंता को देखा है कि उनके बच्चों को पढ़ने में रूचि नहीं होती, वे तो बस खेल-कूद या अन्य चीज़ों की तरफ आकर्षित होते हैं, माता-पिता इसी चिंता में बच्चों को उनकी रूचि से परे होकर बस उनकी पढ़ाई पर जोर देते हैं.
मगर इस बात को एक अलग नज़रिये से देखे तो इस समस्या का समाधान बड़े ही अच्छे और आसान तरीकों से किया जा सकता है. इससे पेरेंट्स और बच्चों दोनों की समस्या दूर हो सकती है.
आइये देखते हैं इस तरह के कुछ उदाहरण - (some example for better future)
- बच्चों की रूचि को पहचानते हुए उनकी रूचि के अनुसार ही उन्हें उस विषय में आगे बढ़ाना.
- अपने बच्चों को अन्य बच्चों से तुलना न करें. हर बच्चे में अपने अलग गुण और अपने एक अलग प्रतिभा मौजूद होती है, इन्हे पहचाने.
- अगर आपका बच्चा खेलकूद के प्रति ज्यादा रूचि रखता है, तो उसे खेलकूद में आगे बढ़ाएं.
- यदि बच्चा अभिनय या कला के क्षेत्र में रूचि रखता है तो उसे अभिनय के किसी फील्ड में शिक्षा दिला सकते हैं.
- यदि आपका बच्चा पढ़ाई के किसी ख़ास विषय में रूचि रखता है तो उसे उस विषय में सहयोग करें.
तो दोस्तों, मैं यहाँ केवल ये कहना चाहती हूँ की हम अपने बच्चों की रूचि, उनकी मर्जी को जानकार कुछ ऐसे प्रबंध करें की बच्चे की रूचि के साथ - साथ उसका भविष्य भी उज्जवल बन सके. धन्यवाद्