जीवन में बुलन्दियों को छूना है अगर कुछ कर दिखाने का दिल में,जुनून होना चाहिए दामन को रखिए दूर ,दलदलों से पाप की शालीनता और स्वच्छता को ,जीवन में होना चाहिए || अधिकार गर समान सभी के लिये नहीं अब ऐसी व्यवस्था में,बदलाव होना चाहिए पीढ़ी है दिग्भ्रमित ,यहाँ निर्णय हैं खोखले अब शिक्षा व्यवस्था में बदलाव ह
मित्रों , मैंने पहले एक लेख में बदलाव के कुछ सरल विषय लिखे थे जिनमें हमारे समाज को बदलने की आवश्यकता है. फिर मैंने ट्रैफिक के केवल तीन बिंदुओं पर आप सब का ध्यान आकर्षित किया था-फालतू हॉर्न बजाना; वाहन ठीक से पार्क करना एवं द
आइये कुछ बदलें. जी हाँ, मेरा देशकुछ बदल गया है; कुछ बदल रहा है; और बहुत कुछ बदलेगा.ये आप सभी को हीनहीं, विदेशियों को भी दिखाई दे रहा है. इसलिए इस के उदाहरणों देने की आवश्यकतानहीं है. यदि किसी को नहीं दिखाई देता है तो हम उसका दृष्टि नहीं दे सकते.क्या मैं और आप इसबदलाव को केवल देखते ही रहेंगे (और/या आ