बढ़ती मंहगाई घटता व्यापार बढ़ता फैशन घटती कमाई, पढ़ाई का बोझा हो या जॉब लगने की टेंशन घर का राशन लाना हो या करना हो कुछ काम सब की आज होने लगी टेंशन क्योंकि बढ़ रही बेरोजगारी काम धंधे सब पड़ गये बंद...,
पैसा कमाना अब बच्चों का खेल नहीं मेहनत करने को सब तैयार पर काम मिलना नहीं होता आसान जिस कारण चोरी डकैती लूटमार की हो रही बढ़ोतरी क्यों जब काम नहीं होगा तो कैसे करे वो परिवार का भरण पोषण...,
टेंशन अधिक तो बीमारी भी पर उसका इलाज किसी के पास उपलब्ध नहीं सरकार बना रही योजनाएं पर नहीं होती समय से क्रियान्वित जिस कारण बेरोजगारों की संख्या दिन दुगनी रात चौगुनी वृद्धि कर रही है,
अगर समय से नहीं मिटी बेरोजगारी तो बढ़ जाएगी चोरी डकैती और लूटमार...,
फिर पनेपगा भ्रष्टाचार और बेईमानी।