हमारे देश की परम्पराओं मे हमारी संस्कृति की अनूठी झलक दिखलाई देती है प्राचीन परम्पराओं से नवीन सोच का वाद विवाद साथ ही आधुनिक जीवनशैली से प्राचीन पोषाकों की होड़ आज हमें अपनी संस्कृति से दूर कर रही है और आधुनिक पीढी के युवा अपनी आधुनिकता की चकाचौंध में अपनी संस्कृति से मुख मोड़ रहे हैं...
जिसका एक भीषण परिणाम लोगों में अपनी संस्कृति के प्रति अनादार के रूप में सामने आ रहा है अंधविश्वास की ओर बढ़ता ध्यान इसका कारण है,
संस्कृति हमें मूल्यों से अवगत कराती है दिलों में सम्मान का महत्व बताती है संस्कृति से विमुख हुआ इंसान अपने कर्तव्यो से विमुख हो जाता है तथा अनैतिक कार्यों में लग जाता है,
संस्कार हमारे अस्तित्व की बुनियाद है और संस्कृति हमारा अस्तित्व।