आधुनिक शैली, आधुनिक अविष्कारों की उत्पत्ति और कम्पटीशन का जमाना, बढ़ती बेरोजगारी, शिक्षित व्यक्ति का योग्यता के आधार पर चयन न होकर आरक्षण प्राप्त व्यक्ति का चयन और बदलता खान पान जिससे फैलती खतरनाक बीमारी से शरीर में होने वाली परेशानी और बच्चों को अच्छी परवरिश न दे पाने की मजबूरी आज वर्तमान युग में युवाओं में बढ़ते तनाव की मूल जड़ है..,
जिसका न निदान है न कोई हल
आज हमारी युवा पीढ़ी गलत आदतों का शिकार होती जा रही है क्योंकि कम्पटीशन के जमाने मे वो अपनी पहचान बनाने में कामयाब नहीं हो पाती और इस बात का टेंशन उन्हें डिप्रेशन जैसी घातक बीमारी का शिकार बना रहा है जिसकी सही समय पर रोकथाम नहीं की गई तो आधी से ज्यादा युवा पीढ़ी डिप्रेशन जैसी घातक बीमारी का शिकार हो जाएगी।